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'एक से ज्यादा पत्नियां रख सकते हैं मुस्लिम', हाई कोर्ट ने सुनाया फैसला

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि मुस्लिम एक से ज्यादा पत्नियां रख सकते हैं। हालांकि, कोर्ट ने इस प्रथा के गलत इस्तेमाल की भी बात कही और बताया की यह प्रथा क्यों शुरू हुई थी।

muslim man with his wives

सांकेतिक तस्वीर, photo credit: AI

भारत में बहुविवाह को लेकर लंबे समय से चर्चा चलती आ रही है। मुस्लिम पर्सनल लॉ में बहुविवाह को वैध माना गया है। कई बार अदालतें भी इस बात को कह चुकी हैं कि मुस्लिम व्यक्ति एक से ज्यादा पत्नियां रख सकता है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी हाल ही में एक केस की सुनवाई के दौरान मुस्लिम व्यक्ति के एक से ज्यादा पत्नी रखने को वैध बताया है। कोर्ट ने कहा कि एक मुस्लिम व्यक्ति एक से ज्यादा बार शादी कर सकता है अगर वह अपनी सभी पत्नियों के साथ एक समान व्यवहार रख सके। 
 
इलाहाबाद हाई कोर्ट की एकल जज बेंच के जज अरुण कुमार ने फुरकान खान नाम के एक व्यक्ति के खिलाफ याचिका की सुनवाई करते हुए बहुविवाह को वैध बताया। कोर्ट ने कहा कि कुरान में एक वैध कारण से बहुविवाह की इजाजत है लेकिन अक्सर लोग इसका गलत इस्तेमाल करते हैं। कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर इस फैसले की जानकारी में कहा गया है कि मर्द बहुविवाह को अपने सवार्थ के लिए इस्तेमाल करते हैं।

 

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कोर्ट ने आर्टिकल 25 का हवाला दिया


इस फैसले में कोर्ट ने कहा है कि भारतीय संविधान का आर्टिकल 25 सभी नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार देता है। इसमें अपने धर्म को मानना, उसका पालन करना और प्रचार करना शामिल है। यह अधिकार निरंकुश नहीं है और भारतीय संविधान के भाग 3 के अनुसार, यह स्वतंत्रता सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता और दूसरे प्रावधानों के अधीन है। इसलिए अनुच्छेद 25 में कहा गया है कि धार्मिक स्वतंत्रता को राज्य नियंत्रित कर सकता है।'

 

कोर्ट ने बताया क्यों शुरू हुई बहुविवाह प्रथा?


कोर्ट ने कहा कि बहुविवाह को एक वैध कारण से कुरान में मान्यता दी गई थी। कोर्ट ने बताया कि बहुविवाह को इसलिए मान्यता दी गई थी ताकि इस्लामिक समाज में विधवाओं और अनाथ बच्चों को सहारा दिया जा सके। कोर्ट ने कहा, 'इतिहास में एक समय था जब अरबों में जनजातीय झगड़े के कारण एक बड़ी संख्या में महिलाएं विधवा हो जाती थी और बच्चे अनाथ हो जाते थे। मदीना में इस्लामी समुदाय की रक्षा करते हुए मुसलमानों को भारी हानि उठानी पड़ी। इन हालतों के कारण कुरान में शार्तों के साथ बहुविवाह को मान्यता दी गई थी।'

 

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क्या था केस?


यह केस 2020 का है जिसमें फुरकान खान पर एक महिला ने आरोप लगाया था कि उसने अपनी पहली पत्नी के बारे में जानकारी दिए बिना ही उससे शादी कर ली। महिला ने फुरकान पर शादी के दौरान रेप करने का आरोप भी लगाया था। पुलिस ने इस केस में फुरकान के अलावा दो लोगों को भी समन जारी किया है। केस की शुरुआत में महिला ने कहा, 'फुरकान खान ने मुझसे शादी की लेकिन उसने मुझे यह नहीं बताया कि उसकी पहले भी शादी हो चुकी है।'

 

फुरकान के वकील ने कहा कि मुस्लिम लॉ एक आदमी को 4 शादी करने की इजाजत देता है। इस पर कोर्ट ने कहा कि दो शादियों और रेप के आरोप इस केस में नहीं बनते क्योंकि शादी वैध थी। कोर्ट ने कहा कि मामले में आगे जांच की जरूरत है और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर दिया। पुलिस को इस केस में फुरकान खान और दूसरे आरोपियों के खिलाफ कोई भी सख्त कदम उठाने से इनकार कर दिया है। 

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