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उद्योग नहीं, सर्विस सेक्टर से बदल सकता है बिहार? समझिए कैसे

दुनिया के कई दिग्गज देशों की 50 फीसदी से ज्यादा अर्थव्यवस्था सर्विस सेक्टर पर टिकी है। इन देशों में अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे देश भी शुमार हैं। बिहार में क्या संभावनाएं हैं, आइए समझते हैं।

Bihar Politics

बिहार में सर्विस सेक्टर। (AI Image. Photo Credit: Sora)

जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर इन दिनों चर्चा में हैं। वह अपनी जनसभाओं में दावा कर रहे हैं कि वह अगर बिहार की सत्ता में आए तो एक साल के भीतर बिहार में रोजगार क्रांति होगी और पलायन रुक जाएगा। उन्हें यकीन है कि बिहार में अगर उद्योग लगाए जाएंगे तो भी रोजगार के अवसर नहीं पैदा होंगे। अगर फैक्ट्री नहीं तो फिर किस आधार पर बिहार का विकास का होगा, यह अहम सवाल है। प्रशांत किशोर के अलावा, द प्लूरल्स की अध्यक्ष पुष्पम प्रिया चौधरी भी दावे करती हैं बिहार को अर्थव्यवस्था के स्तर पर क्रांति की जरूरत है। यह क्रांति सर्विस सेक्टर से होकर गुजरती है। तेजस्वी यादव भी सर्विस सेक्टर पर बोलते नजर आते हैं लेकिन उनका ध्यान सरकारी नौकरियों के इर्द-गिर्द ही घूम रहा है। चुनावी जनसभाओं में इसका जिक्र बार-बार वह करते हैं। 

नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी नजरिया बिहार को लेकर कुछ ऐसा ही है। सीएम नीतीश कुमार दावा कर रहे हैं कि बिहार में 1 करोड़ लोगों को नौकरी और रोजगार के अवसर दिए जाएंगे। ये नौकरियां बिहार के सर्विस सेक्टर से होकर ही गुजरेंगी। जाहिर सी बात है कि इतने बड़े पैमाने पर लोगों को सरकारी नौकरी नहीं दी जा सकती है, उद्योग-धंधे भी नहीं लगाए जा सकते हैं। पीएम नरेंद्र मोदी भी बिहार में डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसे प्रोजेक्ट्स का जिक्र कर रहे हैं। IT और डिजिटल सर्विस सेक्टर को बढ़ावा देने की बात करते हैं। उनका कहना है कि गुजरात मॉडल की तुलना में बिहार में निजी निवेश और सर्विस सेक्टर में रोजगार के अवसर दिए जाएंगे।

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प्रशांत किशोर, नेता, जनसुराज पार्टी 
बड़ी फैक्ट्री से कुछ नहीं होगा। मैं इसे नहीं मानता हूं। फैक्ट्री से बिहार का विकास संभव नहीं है। कोई देश इससे आगे नहीं बढ़ा है। दुनिया के धनी देश बड़ी फैक्ट्रियों की वजह से आगे नहीं बढ़े हैं। हर घर में काम करने की सुविधा हो। अमेरिका की अर्थव्यवस्था में 65 फीसदी हिस्सा यहीं से आता है। सर्विस सेक्टर को सुधारना होगा। बिहार कभी भी इंडस्ट्रियल हब नहीं बनेगा, यहां लघु और कुटीर उद्योग की संभावना है।


प्रशांत किशोर का दावा और दुनिया के 7 अमीर देशों में सर्विस सेक्टर की स्थिति

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका: ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक एनालिसिस के आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 65 फीसदी से ज्यादा हिस्सा सर्विस सेक्टर से आता है। अमेरिका में टेक्नोलॉजी की गई दिग्गज कंपनियां काम करती हैं। गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और यूट्युब जैसी कंपनियां अमेरिका में ही हैं। वॉल स्ट्रीट, हॉलीवुड और अमेरिका का हेल्थ केयर सिस्टम दुनियाभर में सराहा जाता है। यह सब सर्विस सेक्टर का हिस्सा हैं। अमेरिका की आमदनी का एक बड़ा हिस्सा यहीं से आता है। साल 2025 में अमेरिका का GDP 30 ट्रिलियन डॉलर के करीब हो सकता है।

  2. यूके: वर्ल्ड बैंक ओपेन डेटा की रिपोर्ट बताती है कि ब्रिटेन की GDP करीब 2.53 ट्रिलियन ब्रिटिश पाउंड के करीब है। ब्रिटेन के हाउस ऑफ कॉमन्स की लाइब्रेरी की रिपोर्ट, इकोनॉमिक इंडिकेटर्स का दावा है कि ब्रिटेन के रोजगार का 80 फीसदी हिस्सा सर्विस सेक्टर से आता है। 

  3. चीन: चीन की अर्थव्यवस्था 19.23 ट्रिलियन डॉलर के आसपास है। GDP में सर्विस सेक्टर की हिस्सेदारी 56 फीसदी से ज्यादा है। 

  4. फ्रांस: वर्ल्ड बैंक डेटा की रिपोर्ट के मुताबिक फ्रांस की जीडीपी में 70 फीसदी योगदान सर्विस सेक्टर का है। फ्रांस की जीडीपी करीब 3.21 ट्रिलियन डॉलर के आसपास है।  

  5. जर्मनी: वर्ल्ड बैंक डेटा की रिपोर्ट के मुताबिक जर्मनी की अर्थव्यवस्था में सर्विस सेक्टर का योगदान 63.2  फीसदी है। जर्मनी की अर्थव्यवस्था 4.74 ट्रिलियन डॉलर से 5.78 ट्रिलियन डॉलर के बीच में है।  

  6. सिंगापुर: वर्ल्डमीटर की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2025 में सिंगापुर की जीडीपी 546.74 अरब अमेरिकी डॉलर है। डेटा वर्ल्ड बैंक के आंकड़े बताते हैं कि जीडीपी में सर्विस सेक्टर का योगदान करीब 74 फीसदी है। 

  7. स्विट्ज़रलैंड: जीडीपी का लगभग 70-75% हिस्सा सर्विस सेक्टर से आता है। बैंकिंग, फाइनेंस और टूरिज्म से इस देश की असली कमाई होती है। यहां की अर्थव्यवस्था का आधार ही स्विस बैंक और स्की रिसॉर्ट्स कहे जाते हैं। 

    AI Generated Image. (Photo Credit: Sora)

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बिहार के सर्विस सेक्टर की संभावनएं किन क्षेत्रों में हैं?

  • शिक्षा, स्वास्थ्य, बैंकिंग, बीमा और वित्त सेवाएं
  • ट्रांसपोर्ट, कम्युनिकेशन, टेलीकॉम, इंटरनेट
  • पर्यटन, हॉस्पिटैलिटी
  • इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, सॉफ्टवेयर सुविधाएं
  • एंटरटेनमेंट
  • रियल स्टेट, फाइनेंस मैनेजमेंट, हेल्पलाइन सेंटर

बिहार में क्यों नहीं उभर पाया उद्योग?

बिहार में औद्योगिक विकास न होने के बारे में कई एक्सपर्ट्स मानते हैं कि राज्य में उद्योग कई वजहों से पहचान नहीं बना पाया। राज्य का कमजोर बुनियादी ढांचा, बिजली, सड़क और परिवहन की चुनौतियां, दशकों तक रहे नक्सलवाद ने बिहार को अस्थिर रखा। बिहार में हमेशा से अपराध एक बड़ी चुनौती रही। बिहार के सामाजिक तनाव और जातिगत समीकरणों की वजह से निवेशक, यहां निवेश करने से कतराते रहे। यहां कुशल श्रमिकों की कमी, नीतिगत अस्थिरता और भ्रष्टाचार भी हमेशा से एक समस्या रहा है। 

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