logo

ट्रेंडिंग:

सरकार की हरी झंडी, कपूर बने रहेंगे DGP, नहीं भेजा जाएगा नया पैनल

गृहमंत्रालय के पत्र के बाद भी सरकार ने नए पैनल के लिए कार्रवाई शुरू नहीं की। अक्टूबर 2026 तक मौजूदा डीजीपी कपूर का कार्यकाल है। अगले साल पैनल जाएगा।

Shatrujit Kapoor

हरियाणा के DGP शत्रुजीत कपूर। (Photo Credit: Haryana Police)

हरियाणा में अब नए पुलिस महानिदेशक (DGP) नहीं बदले जाएंगे। नए डीजीपी के लिए पैनल भेजने पर अभी सरकार विचार नहीं कर रही है। सूत्रों के मुताबिक नायब सैनी सरकार ने डीजीपी शत्रुजीत कपूर को ही अगले आदेश तक, डीजीपी पद पर बने रहने की मंजूरी दे दी है। अब 31 अक्तूबर 2026 तक अपने पद पर बने हर सकते हैं। 15 अगस्त को डीजीपी के 2 साल का कार्यकाल पूरा हो रहा था। 2 महीने पहले ही केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से एक चिट्ठी भेजी गई थी, जिसमें नए पैनल के सामने नाम भेजने की सिफारिश की गई थी। हरियाणा सरकार ने उस प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया था।

केंद्रीय गृहमंत्रालय की ओर से जारी पत्र, मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा गया था। हरियाणा सरकार को केंद्रीय गृहमंत्रालय का पत्र मिला था लेकिन पुराने डीजीपी को ही बरकरार रखने का फैसला हरियाणा सरकार ने लिया है। अब नए पैनल को भेजने की जगह, मौजूदा डीजीपी की अपना कार्यकाल पूरा करेंगे। सरकार की इस पहल से कई अधिकारियों को झटका लगा है, जो डीजीपी बनने की रेस में शामिल थे।

क्यों पैनल में भेजा जाता है नाम?

सरकार में नए डीजीपी के लिए पैनल तैयार करती है। डीजीपी के कार्यकाल के खत्म होने से 2 महीने पहले संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को नया पैनल भेजना अनिवार्य होता है। सरकार ने नए नामों को तलाशने की जगह, शत्रुजीत कपूर पर ही भरोसा जताया है। अब इन्हीं के कंधे पर भविष्य की अहम जिम्मेदारी बरकरार रहेगी। नए पैनल में 30 साल के अनुभव वाले 11 IPS अधिकारियों का नाम आमतौर पर भेजा जाता है। अब डीजी रैंक के 8 शीर्ष अधिकारियों में 5 अधिकारी इस रेस से बाहर हो गए, क्योंकि उन्हें इसी साल रिटायर होना है।

 

कौन बन सकता है अगला DGP? 

नए पुलिस महानिदेशक के लिए अगले साल ही अब पैनल भेजा जा सकता है। एंटी करप्शन ब्यूरो के प्रमुख आलोक मित्तल, इस रेस में सबसे आगे हैं। हो सकता है कि उन्हें पुलिस महानिदेश की जिम्मेदारी भविष्य में सौंपी जा।  

पैनल के लिए किन नामों की थी चर्चा?

सूत्रों के मुताबिक अगर सरकार नए DGP के लिए नामों का पैनल भेजती तो वरिष्ठता के आधार पर इन अधिकारियों के नाम पर विचार हो सकता था-

  • मनोज कुमार यादव (1988 बैच)
  • मोहम्मद अकील (1989 बैच)
  • आलोक कुमार राय (1991 बैच)
  • संजीव कुमार जैन (1991 बैच)
  • ओ.पी. सिंह (1992 बैच)
  • अजय सिंघल (1992 बैच)
  • आलोक मित्तल (1993 बैच)
  • डॉ. एएस चावला (1993 बैच)
  • नवदीप सिंह विर्क (1994 बैच)
  • कला रामचंद्रन (1994 बैच)


यह भी पढ़ें: हरियाणा: नियमित होंगे रद्द रिहायशी प्लाट, एमनेस्टी योजना की घोषणा

कब हुई थी DGP शत्रुजीत कपूर की नियुक्ति?

डीजीपी शत्रुजीत कपूर, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के करीबी अधिकारियों में शुमार रहे हैं। जब वह मुख्यमंत्री थे, तब शत्रुजीत कपूर उनके भरोसेमंद अधिकारियों में शामिल थे। शत्रुजीत कपूर, 1990 बैच के IPS अधिकारी हैं।15 अगस्त, 2023 को उन्हें प्रदेश का पुलिस महानिदेशक बनाया गया था। शत्रुजीत कपूर उस वक्त 1989 बैच के आईपीएस मोहम्मद अकील और डॉ. आरसी मिश्रा से जूनियर थे। उन्होंने वरिष्ठता के क्रम को पार किया और डीजीपी बने। 

कब रिटायर होंगे शत्रुजीत कपूर? 

सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के मुताबिक डीजीपी का कार्यकाल न्यूनतम 2 साल तय किया गया है। उनका कार्यकाल 15 अगस्त को ही पूरा हो रहा है। अब सरकार नया नाम, पैनल नहीं भेज रही है। वैसे भी शत्रुजीत कपूर के रिटायर होने में अभी 15 महीने बाकी हैं। वह 31 अक्टूबर 2026 को रिटायर होंगे। 

DGP बनने से पहले कहां नियुक्त थे शत्रुजीत कपूर?


शत्रुजीत कपूर, डीजीपी बनने से पहले बिजली निगम के चेयरमैन भी रहे हैं। उन्होंने बिजली के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया था। जब वह एंटी करप्शन ब्यूरो के मुखिया थे, तब भ्रष्टाचारियों की मुश्किलें बढ़ गई थीं। वह तेज तर्रार अधिकारियों मे शामिल रहे हैं।  

DGP हो सकते थे, अब रिटायर होंगे

  • मनोज यादव, 1988 बैच
    रिटायरमेंट की तारीख: 31 जुलाई 
  • मोहम्मद अकील, डीजी जेल, 1989 बैच
    रिटायरमेंट की तारीख: 31 दिसंबर
  • आलोक कुमार राय, डीजी होमगार्ड, 1991 बैच 
    रिटायरमेंट की तारीख: 30 सितंबर
  • ओपी सिंह, 1992 बैच
    रिटायरमेंट की तारीख: 31 दिसंबर


यह भी पढ़ेंः स्कूल-इंटरनेट बंद, 2500 पुलिसकर्मी तैनात; नूंह में क्यों बढ़ी सख्ती

प्रमोशन की रेस में शामिल अधिकारी कौन हैं? 

दिसंबर महीने तक, डीजी रैंक के 4 अधिकारी रिटायर हो रहे हैं, ऐसे में एडीजीपी रैंक के कई अधिकारियों को डीजी बनने का मौका मिलेगा। एसीबी चीफ आलोक मित्तल, एएस चावला, नवदीप विर्क और कला रामचंद्रम का प्रमोशन हो सकता है। आने वाले 3 महीने में इन प्रमोशन पर सरकार विचार सकती है। IG सिबास कविराज समेत कुछ अधिकारियों को एडीजीपी रैंक पर प्रमोट किया जा सकता है।

कैसे चुने जाते हैं डीजीपी?

हरियाणा में डीजीपी की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार होती है। राज्य सरकार वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की सूची UPSC को भेजती है। UPSC इस सूची से तीन अधिकारियों का पैनल तैयार करता है, जिसमें वरिष्ठता, अनुभव और सेवा रिकॉर्ड का मूल्यांकन होता है। इसके बाद राज्य सरकार, मुख्य रूप से मुख्यमंत्री की सहमति से, पैनल में से एक अधिकारी को डीजीपी नियुक्त करती है। नियुक्ति कम से कम दो वर्ष के लिए होती है। असाधारण परिस्थितियों में डीजीपी को हटाया भी जा सकता है।

Related Topic:#haryana news

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap