हैदराबाद के पुराने शहर के घनी आबादी वाले चारमीनार क्षेत्र की तंग गलियों में रविवार सुबह उस वक्त अफरा-तफरा मच गई जब गुलजार हौज इलाके की एक तीन मंजिला इमारत में आग लग गई। इस दर्दनाक हादसे में एक ही परिवार के 17 लोगों की जान चली गई, जिनमें 8 बच्चे भी शामिल थे। दमकल विभाग के महानिदेशक वाई नागी रेड्डी के अनुसार, सुबह 6 बजकर 16 मिनट पर पहली बार आग की सूचना मिली और एक मिनट के भीतर दमकल गाड़ी मौके के लिए रवाना कर दी गई।
हालांकि, स्थानीय लोगों का मानना है कि आग कुछ समय से लगी हुई थी, पर संकरी गलियों और बंद खिड़कियों के चलते इसकी भनक देर से लगी। बचाव कार्य शुरू होने के बाद जब राहत दल अंदर फंसे लोगों को खोज रहा था, तो कुछ स्थानीय निवासी भी सहायता के लिए आगे आए। उन्होंने बताया कि अंदर से सिर्फ आग की लपटें दिख रही थीं, कोई चीख-पुकार सुनाई नहीं दे रही थी, जिससे यह अंदेशा होता है कि आग बहुत तेजी से फैली और लोगों को संभलने का मौका नहीं मिला।

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'किसी के मदद की पुकार तक नहीं सुनाई दी'
इलाके के एक छोटे रिटेल दुकानदार, जुबान ने बताया, 'मंजर इतना भयानक था कि किसी के मदद की पुकार तक नहीं सुनाई दी। इमारत के अंदर हर कोई खामोश था।' वहीं एक अन्य स्थानीय निवासी ज़मान ने कहा, 'हम सुबह उस धुएं की गंध से जागे जो इमारत से निकल रहा था। जब बाहर आए, तो देखा कि दमकल की गाड़ियां पहले से मौके पर मौजूद थीं और पहली मंजिल पर आग धधक रही थी।'
फायर सेफ्टी के डीजी नागी रेड्डी ने बताया, 'सीढ़ी सिर्फ़ एक मीटर चौड़ी थी और पूरी तरह धुएं से भरी हुई थी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, अग्निशमन दल ने एडवांस्ड फायर रोबोट और स्काईलिफ्ट हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म का उपयोग शुरू किया। जैसे-जैसे वे अंदर घुसे, उन्हें भयावह दृश्य दिखने लगे। जुबान ने बताया, 'अग्निशमन कर्मी जोर-जोर से चिल्ला रहे थे कि हर कमरे में शव हैं। एक कमरे में एक मां और उसके दो बच्चे फंसे हुए थे।'

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दुकान से शुरू हुई आग, करीब 3-4 बजे लगी आग
प्रारंभिक जांच के मुताबिक, आग एक आभूषण की दुकान से शुरू हुई थी, जो शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी और उस समय दुकान बंद थी। अग्निशामकों का अनुमान है कि आग रात के तीन से चार बजे के बीच फैली होगी और फिर तेजी से पहली मंजिल तक पहुंच गई, जहां परिवार के सदस्य सो रहे थे। सुबह करीब 10 बजे तक घटनास्थल पर भारी भीड़ जमा हो गई थी। एक वरिष्ठ अग्निशमन अधिकारी ने बताया, 'सुबह 10:30 बजे तक हमने इमारत से 17 बेहोश लोगों को बाहर निकाल लिया था लेकिन अस्पताल ले जाते समय सभी की मौत हो गई। दमकल कर्मियों का कहना है कि यदि आग पर समय रहते काबू नहीं पाया गया होता, तो यह आसपास की अन्य इमारतों तक फैल सकती थी।
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कई पीढ़ियों से इसी इमारत में रह रहा था परिवार
तेलंगाना मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, पहली इमारत में आग बुझाने के बाद अग्निशमन दस्ते ने पास की इमारतों से 40 लोगों को सुरक्षित निकाला। रविवार दोपहर तक चारमीनार क्षेत्र में जनप्रतिनिधियों का आना शुरू हो गया था। इनमें केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी, हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी, तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क और राज्य मंत्री पोन्नम प्रभाकर शामिल थे। सांसद ओवैसी ने मीडिया को बताया कि मृतक परिवार कई पीढ़ियों से इसी इमारत में रह रहा था और यह 'चारमीनार का पुराना परिवार' था।
स्थानीय निवासी गौस ने जानकारी दी कि उस समय इमारत में परिवार के केवल आठ सदस्य रह रहे थे, जबकि बाकी सदस्य गर्मी की छुट्टियों में यहां आए थे। उन्होंने यह भी कहा कि समुदाय मिलकर पीड़ित परिवार के अंतिम संस्कार की व्यवस्था करेगा।