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गारंटियों के लिए 63000 करोड़ का कर्ज! CAG ने खोली कर्नाटक सरकार की पोल

CAG ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि गारंटियां पूरी करने के चक्कर में कर्नाटक पर दबाव बढ़ रहा है और उसके कर्ज में लगातार इजाफा हो रहा है।

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CM सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार, File Photo Credit: PTI

कर्नाटक में साल 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को हरा दिया था। इस चुनाव में लोगों को लुभाने के लिए कांग्रेस ने 5 गारंटियां दी थीं। माना जाता है कि इन 5 बड़े वादों का लाभ कांग्रेस को मिला और वह सत्ता में आने में कामयाब रही। अब भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक (CAG) की रिपोर्ट ने कहा है कि इन गारंटियों को पूरा करने के चक्कर में कर्नाटक कर्ज के बोझ तले दबता जा रहा है। हाल ही में पेश की गई CAG रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक ने साल 2023-24 में कुल 63 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। इसी साल कुल 5299 करोड़ रुपये इन्हीं योजनाओं पर ही खर्च कर दिए गए।

 

CAG रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक सरकार ने राज्य के राजस्व खर्च का 15 प्रतिशत हिस्सा इन्हीं योजनाओं पर खर्च कर दिया। बता दें कि कांग्रेस की 5 गारंटियों में गृह ज्योति, गृह लक्ष्मी, अन्न भाग्य, युवा निधि और शक्ति जैसी योजनाएं। गृह लक्ष्मी पर 16964 करोड़ रुपये, गृह ज्योति योजना पर 8900 करोड़, अन्न भाग्य पर 7384 करोड़, शक्ति पर 3200 करोड़ रुपये और युवा निधि पर 88 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। 

 

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कर्ज में डूबता जा रहा कर्नाटक

 

कर्नाटक विधानसभा में पेश की यह CAG रिपोर्ट वित्त वर्ष 2023-24 की है। इसी रिपोर्ट के मुताबिक, 2022-23 में कर्नाटक सरकार ने 26 हजार करोड़ का कर्ज लिया था जबकि 2023-24 में 63 हजार करोड़ करोड़ का कर्ज लिया।

 

 

रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद के पहले साल में राज्य सरकार ने पूंजीगत खर्च 52,120 करोड़ रखा जो कि कुल खर्च का 17 प्रतिशत था। 2022-23 में पूंजीगत खर्च 57,349 करोड़ रुपये था। यानी कांग्रेस की सरकार ने पूंजीगत खर्च 5299 करोड़ रुपये कम कर दिया। वहीं, राज्य का वित्तीय घाटा जो 2022-23 में 46,623 करोड़ रुपये था, वह 2023-24 में बढ़कर 65,522 करोड़ रुपये हो गया।

 

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इसको लेकर CAG ने कहा है, 'इन गारंटियों को लागू करने से से राज्य के संसाधनों पर दबाव पड़ेगा और कर्ज और घाटा बढ़ता जाएगा।'

 

 

इस बारे में जनता दल (सेक्युलर) के नेता सीबी सुरेश बाबू ने कहा है, 'अगर आप विकास के लिए कर्ज लेते हैं तब तो ठीक है लेकिन कर्नाटक सरकार हर साल 20 पर्सेंट लोन ले रही है। राज्य में यह संकट बढ़ता जाएगा।' इसी मामले पर बीजेपी नेता जी जनार्दन रेड्डी ने कहा है, 'इस स्थिति को लेकर हर कोई चिंतित है। काम के लिए पैसे नहीं मिल रहे हैं और गारंटी पूरी करने के लिए कर्ज लिया जा रहा है। यह बहुत बुरा है। '

 

क्या हैं 5 गारंटियां?

 

गृह लक्ष्मी योजना: घरेलू महिलाओं को हर महीने 2000 रुपये।
गृह ज्योति योजना: हर परिवार को 200 यूनिट बिजली फ्री।
अन्न भाग्य योजना: हर BPL परिवार को 10 किलो चावल मुफ्त।
युवा निधि योजना: ग्रेजुएट बेरोजगारों को 3000 रुपये महीना।
शक्ति योजना: महिलाओं के लिए बस में मुफ्त यात्रा।

 

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