logo

ट्रेंडिंग:

मुंबई: BMC की सख्ती के बाद टैंकर हड़ताल, डिजास्टर मैनेजमेंट ऐक्ट लागू

मुंबई में टैंकर संलाचकों की हड़ताल को देखते हुए BMC ने शहर में डिजास्टर मैनेजमेंट ऐक्ट लागू करते हुए ऐलान किया है कि वह खुद ही पानी की सप्लाई करेगा।

BMC

बीएमसी; Photo Credit: BMC/ X Handle

मुंबई में टैंकरों की जलापूर्ति करने वाले निजी कुओं के मालिक को नगर निगम ने नोटिस जारी की थी। नगर निगम के नोटिस के विरोध में मुंबई जल टैंकर एसोसिएशन (MWTA) ने अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल कर दी थी। हड़ताल के बीच बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) ने बड़ा फैसला लिया है। हड़ताल न खत्म होने पर BMC ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 लागू कर दिया है। इस अधिनियम के तहत BMC, मुंबई के घर-घर पानी पहुंचाएगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, BMC अब शहर के कुएं, बोरवेल और निजी पानी टैंकरों को अपने कंट्रोल में लेकर पानी की सप्लाई खुद करेगा। BMC कमिश्नर ने बताया कि इसका मकसद है कि गर्मी के मौसम में लोगों को पानी की किल्लत न झेलनी पड़े।


आपदा प्रबंधन लागू होने के बाद BMC ने कहा कि अधिनियम की धारा 34 (ए) और 65 (1) के तहत निजी जल टैंकरों, कुंओं और बोरवेल का अधिग्रहण करेंगे। इस परिचालन का प्रबंधन बीएमसी वार्डों, मुंबई पुलिस और परिवहन आयुक्तालय की टीमें करेंगी। रिपोर्ट्स की मानें तो निजी आवासीय सोसाइटियों और अन्य हितधारकों (अदर स्टेकहोल्डर्स) की जलापूर्ति के लिए मानक संचलान प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की गई है।

 

यह भी पढ़ें: राज्यपाल विवाद: अगर SC खिलाफ तो केंद्र के पास क्या विकल्प होगा?

क्या होंगे पानी सप्लाई के नए नियम?

पुरानी प्रक्रिया को खत्म करते हुए, BMC ने पानी सप्लाई की नई प्रक्रिया तैयार की है। पानी सप्लाई के लिए BMC  ने मानक तय किए हैं। इस मानक के अनुसार, अगर किसी सोसाइटी को पानी टैंकर की जरूरत पड़ती है तो उसे नजदीकी CFC सेंटर में आवेदन देना होगा और निर्धारित शुल्क भरना होगा। पानी की सप्लाई के बाद टैंकर मालिक रसीद दिखाएंगे, उसके बाद ही उनका भुगतान किया जाएगा। यह काम मुंबई पुलिस, ट्रांसपोर्ट विभाग और बीएमसी एकसाथ मिलकर करेंगी। जरूर पड़ने पर स्थानीय अफसर नियमों में थोड़ा बहुत फेर-बदल भी कर सकते हैं। 

 

यह भी पढ़ें: वक्फ कानून को सुप्रीम कोर्ट रद्द कर सकता है या नहीं?

क्या है हड़ताल का कारण?

हाल ही में BMC ने कहा था कि जिन कुओं या बोरवेल से टैंकरों में पानी भरा जाता है, उनके संचालक कुछ नियमों का पालन करें। इन नियमों में कहा गया था कि कुओं या बोरवेल के संचालक केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (CGWA) से नॉन ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) जरूर लें, वरना कुओं और बोरवेल से पानी नहीं भरने दिया जाएगा। BMC का यह फरमान आते ही कुओं और बोरवेल के संचालक भड़क गए और इस आदेश के खिलाफ उन्होंने हड़ताल शुरू कर दी। हालांकि, दबाव बढ़ने के बाद BMC ने अपने इस आदेश को 15 जून तक के लिए स्थगित कर दिया। इसके बावजूद कुओं और बोरवेल के संचालकों ने अपनी हड़ताल खत्म नहीं की।

 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, एसोसिएशन के पास करीब 1,800 रजिस्टर्ड टैंकर हैं। वे शहर के विभिन्न हिस्सों में करीब 350 एमएलडी पानी की सप्लाई करते हैं। सभी टैंकरों को अनिश्चिकाल के लिए रोक दिया गया, जिसके चलते मुंबई के कई इलाकों में पीने और अन्य इस्तेमाल का पानी ही नहीं पहुंच रहा है। 

 

प्रर्दशनकारी संघ का कहना है कि मुंबई जैसे शहर में इन सब का पालन करना मुश्किल है। प्रदर्शनकारी संघ का कहना है कि जब तक सरकार की तरफ से इन नियमों में कोई रियायत नहीं दी जाती है, तब तक टैंकर सेवा चालू नहीं की जाएगी। उनका कहना है कि इस संबंध में मुख्यमंत्री सहित अन्य अधिकारियों को संघ की ओर से पत्र भी लिखा गया है। 

 

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap