ओडिशा के कुछ हिस्सों में उर्वरक (खाद) की कमी की शिकायतों और किसानों के विरोध के बीच, राज्य सरकार ने रविवार को सख्त कदम उठाए। सरकार ने 30 उर्वरक दुकानों को बंद कर दिया और 62 डीलरों के लाइसेंस रद्द कर दिए। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
काले बाजारी, चोरी, और नकली उर्वरकों को रोकने के लिए सरकार ने कृषि, राजस्व और पुलिस विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीमें बनाई हैं। ये टीमें जिला और ब्लॉक स्तर पर काम कर रही हैं। राज्य भर में उर्वरक की खुदरा और थोक दुकानों पर नियमित रूप से औचक निरीक्षण किए जा रहे हैं।
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काफी दुकानों की जांच
सरकार के अनुसार, अब तक 4,546 दुकानों की जांच की गई है। इसमें 1,202 दुकानदारों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। 30 मामलों में दुकानदारों को बिक्री रोकने का नोटिस दिया गया है। इसके अलावा, 62 डीलरों के लाइसेंस को उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 के उल्लंघन के कारण निलंबित कर दिया गया है। छह डीलरों के परिसर से उर्वरक का स्टॉक भी जब्त किया गया है।
'उर्वरक की कोई कमी नहीं'
सरकार ने दावा किया कि राज्य में उर्वरक की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है। सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे किसी भी गलत जानकारी से डरें नहीं।
कृषि और किसान सशक्तीकरण विभाग ने 2025 के लिए 58.50 लाख हेक्टेयर का खरीफ फसल योजना तैयार की है। इसके लिए 10 लाख मीट्रिक टन उर्वरक की आपूर्ति योजना बनाई गई और केंद्र सरकार को भेजी गई। केंद्र ने खरीफ सीजन के लिए ओडिशा को 9.55 लाख मीट्रिक टन उर्वरक आवंटित किया है।
बयान के अनुसार, शनिवार तक राज्य को 8.10 लाख मीट्रिक टन उर्वरक मिल चुका है, जिससे कुल उपलब्धता 11.04 लाख मीट्रिक टन हो गई है। अब तक 8.46 लाख मीट्रिक टन उर्वरक किसानों को बेचा जा चुका है, जबकि 2.56 लाख मीट्रिक टन विभिन्न जिलों में उपलब्ध है। इसके अलावा, 11,692 मीट्रिक टन यूरिया अगले दो दिनों में विभिन्न जिलों में पहुंच जाएगा।
मलकानगिरी में किसानों का विरोध
इस बीच, मलकानगिरी जिले के धान किसानों ने खरीफ सीजन के दौरान उर्वरक की कथित कालाबाजारी के खिलाफ एनएच-326 के पास मथिली में सड़क जाम कर दी। इस प्रदर्शन से कई घंटों तक यातायात ठप रहा। अधिकारियों के आश्वासन के बाद किसानों ने अपना विरोध वापस ले लिया।
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सरकार ने किसानों को भरोसा दिलाया है कि उर्वरक की आपूर्ति में कोई कमी नहीं होगी और कालाबाजारी पर सख्ती से कार्रवाई जारी रहेगी।