logo

ट्रेंडिंग:

बजट से ज्यादा खर्च, बार-बार कर्ज; तेलंगाना पर CAG रिपोर्ट में खुलासा

तेलंगाना की सरकार ने 2023-24 में बजट से ज्यादा खर्च किया। इतना ही नहीं, इस दौरान सरकार ने कर्ज भी बार-बार लिया। आइए जानते हैं कि CAG रिपोर्ट में तेलंगाना सरकार की माली हालत को लेकर क्या-क्या खुलासे हुए?

telangana

तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी। (Photo Credit: X@revanth_anumula)

आमतौर पर राज्य सरकारें जितना बजट होता है, उतना भी खर्च नहीं कर पातीं लेकिन तेलंगाना की सरकार ने इससे भी ज्यादा खर्च कर दिया। विधानसभा में पेश की गई CAG की रिपोर्ट में इसकी जानकारी सामने आई है। CAG रिपोर्ट में बताया गया है कि तेलंगाना सरकार ने 2023-24 के बजट में 3,37,107 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था लेकिन 1,11,477 करोड़ ज्यादा खर्च किया गया। इसका मतलब हुआ कि सरकार ने जितना बजट रखा था, उससे 33 फीसदी ज्यादा खर्च कर दिया।


डिप्टी सीएम मल्लू भट्टी विक्रमार्का ने CAG की रिपोर्ट को पेश किया। इस रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि 11 सरकारी विभाग ऐसे थे, जहां बहुत ज्यादा खर्च किया गया। इस रिपोर्ट से पता चलता है कि तेलंगाना की पिछली सरकार ने बजट से ज्यादा खर्च किया था और बार-बार कर्ज लिया था। तेलंगाना में कांग्रेस सरकार से पहले BRS की सरकार थी।

 

यह भी पढ़ें-- 7 साल में 14 हजार करोड़ का नुकसान, DTC पर  CAG रिपोर्ट में हुआ खुलासा

रिपोर्ट में क्या-क्या सामने आया?

CAG की रिपोर्ट में सामने आया है कि 11 विभागों में बहुत ज्यादा खर्च किया गया। रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने 8,142 करोड़ रुपये ज्यादा खर्च किए। पब्लिक डेट डिपार्टमेंट ने कर्ज चुकाने के लिए 96,822 करोड़ और म्यूनिसिपल एडमिनिस्ट्रेशन और अर्बन डेवलपमेंट डिपार्टमेंट ने 2,307 करोड़ रुपये ज्यादा खर्च किया। 


रिपोर्ट में यह भी बताया गया है सरकार ने 10,156 करोड़ रुपये की रकम एडवांस में उधार ली। इसके अलावा, 145 दिनों के लिए 35,425 करोड़ रुपये की रकम भी ली। इतना ही नहीं, 2023-24 में तेलंगाना को 9,934 करोड़ रुपये की ग्रांट केंद्र सरकार से भी मिली थी।


CAG की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि तेलंगाना सरकार ने 24,347 करोड़ रुपये ब्याज चुकाने और 26,981 करोड़ सैलरी देने पर खर्च किए। इस हिसाब से कुल रेवेन्यू का 45 फीसदी सैलरी, पेंशन और ब्याज चुकाने पर खर्च हुआ।

 

यह भी पढ़ें-- दिल्ली के हेल्थ मॉडल का सच, CAG रिपोर्ट में उजागर हो गईं खामियां

कर्ज पर कर्ज बढ़ रहा?

CAG की रिपोर्ट के मुताबिक, 'जुलाई 2024 में तेलंगाना सरकार ने मीडियम टर्म फिस्कल पलिसी घोषित की थी। इसमें बताया गया था कि सरकार पर 31 मार्च 2024 तक राज्य की GDP का 33.10% तक कर्ज है।'


इसमें आगे बताया गया है, 'हालांकि, सभी तरह के कर्ज और देनदारियां 5,17,659 करोड़ रुपये है। इस हिसाब से तेलंगाना पर उसकी GDP का 34.47% तक कर्ज है, जो तय सीमा 33.10% से ज्यादा है।'


आगे इस रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि 2023-24 में तेलंगाना सरकार ने 49,618 करोड़ रुपये के करीब 50 लोन लिए थे। यह लोन 7.32% से 7.75% की ब्याज दर पर लिए गए थे। इन लोन को 2030 से 2050 के बीच तक चुकाना है।

 

यह भी पढ़ें- मोहल्ला क्लीनिक से कोविड तक, CAG की दूसरी रिपोर्ट में क्या खुलासे हुए?

कर्ज ज्यादा लेकिन दिख रहा कम?

CAG ने बताया कि तेलंगाना सरकार ने 2020 में फिस्कल रिस्पॉन्सिबिलिटी बजट मैनेजमेंट एक्ट में बदलाव कर दिया था। इसने सरकार की गारंटी की लिमिट को 200% तक बढ़ा दिया था।


इसे ऐसे समझिए कि पहले सरकार जितनी गारंटी दे सकती थी, उसकी लिमिट कुल रेवेन्यू रिसीट की 90% तक सीमित थी। 2020 में कानून में संशोधन कर इसे बढ़ाकर 200% कर दिया गया। गारंटी का मतलब है कि सरकार किसी कंपनी या संस्था को लोन लेने के लिए भरोसा देती है कि अगर वह लोन नहीं चुका पाए तो सरकार चुकाएगी।


रिपोर्ट में बताया गया है कि 2023-24 में अलग-अलग संस्थाओं और विभागों ने वित्तीय संस्थानों से 31,280 करोड़ रुपये का लोन लिया था। इस तरह से 31 मार्च 2024 तक कुल 2,20,607 करोड़ रुपये का लोन हो गया था। इसमें से 1,20,944 करोड़ के लोन को चुकाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। रिपोर्ट कहती है, 'यह लोन उन संस्थाओं की रसीद में दिखाए जाते हैं और सरकार के बजट में नहीं दिखते। हालांकि, जब लोन चुकाने का समय आता है तो इन्हें सरकार के अकाउंट से दिया जाता है। इससे सरकारी अकाउंट में एडवर्स बैलेंस बन जाता है।'


इसका मतलब यह हुआ कि कागजों पर तो सरकार पर कर्ज कम दिख रहा है लेकिन यह इससे कहीं ज्यादा है। 

 

यह भी पढ़ें- AAP की शराब नीति से कैसे हुआ नुकसान? CAG रिपोर्ट में खुलासा

RBI से भी बार-बार लिया कर्ज

CAG की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि तेलंगाना सरकार ने 2023-24 में रिजर्व बैंक (RBI) से भी 3 बार शॉर्ट टर्म लोन लिया। रिपोर्ट के मुताबिक, तेलंगाना ने RBI से 349 दिन के लिए 10,156 करोड़ रुपये लिए। फिर 321 दिन के लिए 52,517 करोड़ रुपये लिए और उसके बाद 145 दिन के लिए 35,425 करोड़ का ओवरड्राफ्ट भी लिया। 


कुल मिलाकर, तेलंगाना सरकार ने 2023-24 में RBI से 98,098 करोड़ रुपये का कर्ज लिया। इससे पता चलता है कि सरकार को अपने खर्चे पूरा करने के लिए बार-बार कर्ज लेना पड़ा।


हैरान करने वाली बात यह है कि 2023-24 में सरकार ने कैपिटल पर सिर्फ 43,918 करोड़ रुपये ही खर्च किए। यह वह खर्च होता है जो सरकार लंबे समय के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर या डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स पर खर्च करती है। इससे भविष्य में सरकार की कमाई का रास्ता खुलता है। 


रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022-23 की तुलना में सरकार ने 2023-24 में स्थानीय निकायों के लिए 11 फीसदी ज्यादा खर्च किया। 2023-24 में सरकार ने स्थानीय निकायों पर 76,773 करोड़ रुपये खर्च किए थे।

Related Topic:#Telangana News#CAG

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap