फ्यूचर शिफ्ट लैब्स ने 20 अगस्त को एआई लेजिस्लेचर्स फोरम (AILF) लॉन्च किया है। यह एक ऐसी राष्ट्रीय पहल है, जिसे संसद सदस्यों (MP) और विधानसभा सदस्यों (MLA) को जानकारी और टूल्स दिए जाएंगे और नेटवर्क मुहैया कराया जाएगा ताकि वे भारत में AI संबंधित नीतियां बना सकें।
AILF एक ऐसा मंच है जो कानून बनाने वालों, टेक्नॉलजी विशेषज्ञों और नीति विशेषज्ञों को एक साथ लाकर जिम्मेदार AI गवर्नेंस को आकार देता है। यह एथिकल फ्रेमवर्क, रेगुलेटरी गैप और उभरती AI चुनौतियों पर सूचित संवाद को बढ़ावा देता है। AILF जन प्रतिनिधियों को इस तरह तैयार करता है जिससे वे समावेशी, भविष्य के लिए तैयार कानूनों को बनाने में मदद करती हैं, जो तेजी से AI-संचालित दुनिया में नवाचार और जवाबदेही के बीच संतुलन बनाए रखते हैं।
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क्या बोले सांसद?
इस फोरम का आधिकारिक शुभारंभ संसद सदस्यों सुजीत कुमार, शशांक मणि, रबिंद्र नारायण बेहरा और लवु श्री कृष्ण देवरायलु ने किया। AILF के शुभारंभ पर सांसद शशांक मणि ने कहा, 'हमें एक मानवीय AI की जरूरत है जो हर जगह और हर किसी तक पहुंच सके। बाजार को डीसेंट्रलाइज होना चाहिए, जहां एआई हर किसी के हाथ में हो, विकल्पों के साथ हो न कि प्रभुत्व के साथ।'
AI तेजी से सार्वजनिक सेवा वितरण, आर्थिक विकास और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को प्रभावित कर रहा है, ऐसे में यह फोरम भारत के तेजी से उन्नत हो रहे एआई पारिस्थितिकी तंत्र और इसकी विधायी तैयारियों के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर को पाटने का प्रयास करता है। यह पहल हर साल 30 विधायकों को क्यूरेटेड वर्कशॉप, फेलोशिप और विशेषज्ञों के साथ संवादों के माध्यम से शामिल करेगी, जिससे AI के नैतिक, विकासात्मक और शासन आयामों पर नीति निर्माण संभव हो सके।
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वैश्विक स्तर पर यूनाइटेड किंगडम के ऑल-पार्टी पार्लियामेंट्री ग्रुप ऑन एआई और संयुक्त राज्य अमेरिका के कॉन्ग्रेशनल एआई कॉकस जैसे मंचों ने कानून निर्माताओं, शोधकर्ताओं और उद्योग नेताओं के बीच संरचित सहभागिता के मूल्य को प्रदर्शित किया है। एआई लेजिस्लेचर्स फोरम भारत को इस वैश्विक आंदोलन में स्थान देता है, यह सुनिश्चित करता है कि इसका नीति निर्माण ढांचा समावेशी, नैतिक और भविष्य के लिए तैयार हो।
FSL की रिपोर्ट
इस आयोजन में प्राजल द्विवेदी (सलाहकार एफएसएल) की लिखी एक रिपोर्ट 'AI इन पार्लियामेंट: मैपिंग लेजिस्लेटिव एंगेजमेंट सिन्स 2014-2025' का भी अनावरण किया गया। FSL की इस रिपोर्ट ने सिफारिश की कि AI पर चर्चा का दायरा गहरा, व्यापक और संरचनात्मक सुधारों को आगे बढ़ाने वाला होना चाहिए क्योंकि AI आज की जरूरत है।
भारत की अंतरराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी शासन को आकार देने में बढ़ती प्रभाव के साथ, एआई लेजिस्लेचर्स फोरम एक गैर-पक्षपातपूर्ण, नवाचार-प्रधान और नैतिक रूप से आधारित एआई नीति ईकोसिस्टम के निर्माण की दिशा में एक रणनीतिक कदम है। इस आयोजन में राज्यसभा सदस्य सुजीत कुमार ने अपनी किताब 'AI ऑन ट्रायल' के लॉन्च के दौरान कहा, 'मुझे अमेरिका का एक मामला पता चला जहां एक किशोर एक चैटबॉट से बात कर रहा था, उसने उसमें अपनी बातें शेयर कीं। उस किशोर ने चैटबॉट के साथ संक्षिप्त बातचीत के बाद आत्महत्या कर ली। सवाल यह उठता है कि क्या कोई मशीन या तकनीक जो मनुष्यों के साथ भाग ले रही है, अपराध कर सकती है और क्या उसकी जिम्मेदारी उस पर या उस तकनीक को बनाने वाले पर ट्रांसफर हो सकती है?'
क्या है फ्यूचर शिफ्ट लैब्स?
फ्यूचर शिफ्ट लैब्स एक नवाचार और नीति मंच है जो भारत में समावेशी, टिकाऊ और भविष्य के लिए तैयार शासन को आकार देने के लिए प्रतिबद्ध है। एफएसएल, अपने समावेशी और इनोवेशन बेस्ड ईकोसिस्टम के निर्माण के मिशन के जरिए जवाबदेही, पारदर्शिता और सरकारी नीति को अपने मूल में रखकर टेक्नॉलजी के भविष्य को आकार देने के लिए प्रतिबद्ध है। फ्यूचर शिफ्ट लैब्स के फाउडंडर नितिन नारंग और को-फाउंडर और डायरेक्टर सागर विश्नोई के नेतृत्व में AILF सफलता की ओर अग्रसर है।