पाकिस्तान में गधों की संख्या लाखों में है। वहां गधा पालना रिवाज सा बन गया है। पाकिस्तान की आधे से ज्यादा आबादी गधों से कमाई करके अपना जीवन यापन कर रही है। वहां के लोग गधों से अलग- अलग तरीके का काम करके पैसा कमाते हैं। कुछ लोग गधों को सवारी में इस्तेमाल करते हैं। वहीं, पाकिस्तान की सरकार भी गधों की रेस करवाती है। पाकिस्तान में गधे, व्यापार के साथ ही मनोरंजन का जरिया भी बन चुके हैं। पाकिस्तानी सरकार ने 10 अगस्त को गधे की रेस का आयोजन किया था। यह रेस बीच सड़क पर होती है, इस रेस को कराने के लिए ट्रैफिक को नहीं रोका जाता है।
पाकिस्तान के कराची शहर में सिंध प्रांत की सरकार ने गधों की रेस का आयोजन किया था। इस रेस की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। तस्वीरों में देखा जा सकता है कि गधों के कंधों से रिक्शा जैसे पहियों वाली गाड़ियां जुड़ी हुई हैं। हर गधे की गाड़ी पर एक व्यक्ति बैठा है, जो डंडे मारकर गधों को तेजी से सड़कों पर दौड़ा रहा है।
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बीच रोड पर होती है रेस
वायरल तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि कैसे गधा गाड़ी के साथ-साथ कारें चल रही हैं। जैसे भारत के कुछ हिस्सों में घोड़ा गाड़ी की रेस होती है, वैसे ही पाकिस्तान में भी गधा गाड़ी की रेस करवाई जाती है। हालांकि, भारत में अब घोड़ा गाड़ी भी कम देखने को मिलती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, गधे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए भी फायदेमंद हैं क्योंकि पाकिस्तान चीन को गधे और उनका मांस दोनों निर्यात करता है।

पाकिस्तान में काम करते हैं 59 लाख गधे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान में काम करने वाले गधों की संख्या करीब 59 लाख के करीब है। डॉन अखबार के मुताबिक, पिछले तीन सालों से यह संख्या लगातार बढ़ ही रही है। गधों की इतनी ज्यादा संख्या होने की वजह से गधा पालन की लिस्ट में पाकिस्तान दुनिया में तीसरे स्थान पर है। अफ्रीकी देशों इथियोपिया और सूडान के बाद पुरी दुनिया में सबसे ज्यादा गधे पाकिस्तान में ही हैं।
हाल के दिनों में पाकिस्तानी गधों की कीमतें और भी बढ़ गई हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि चीन में पाकिस्तान के गधों की मांग तेजी से बढ़ रही है और पाकिस्तान बड़ी संख्या में चीन को गधे बेच रहा है।

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गधों की कीमत में क्यों बढ़ी?
चीन के बाजारों में गधे का मांस को ऐसे सजाया जाता है जैसे भारत में चिकन और मटन सजाया जाता है। चीन के लोगों के लिए यह एक लोकप्रिय व्यंजन तो है ही इसके अलावा, गधे की खाल से एजियाओ नामक एक पारंपरिक चीनी दवा बनाई जाती है, जो स्वास्थ्य और ब्यूटी प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल होती है। चीन के अलावा, गधे का मांस खाने वाले देशों में इटली और मैक्सिको भी शामिल है।
पाकिस्तान के लिए यह व्यापार विदेशी मुद्रा कमाने का एक नया जरिया बन चुका है। कुछ रिपोर्टों के मुताबिक, गधे की खाल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 2,000 से 3,000 डॉलर तक पहुंच सकती है। हालांकि, इस व्यापार को लेकर पशु अधिकार संगठनों और आम जनता में चिंता भी है। गधों के साथ अमानवीय व्यवहार, अवैध वध और तस्करी जैसे मुद्दे लगातार सामने आ रहे हैं। इसके अलावा, गधों की घटती संख्या पर भी सवाल उठ रहे हैं।