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बिहार: चुनावी मौसम में वादों की झड़ी, जनता पर 'मेहरबान' नेता

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई घोषणाएं की हैं। उन्होंने रसोइया और चौकीदार का मानदेय बढ़ा दिया है। फिजिकल इंस्ट्रक्टर का वेतन बढ़ाया है। दूसरे दलों के वादे क्या हैं, आइए जानते हैं।

Bihar Assembly Elections 2025

बिहार विधानसभा चुनाव। (Photo Credit: Khabargaon)

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की है कि राज्य सरकार के सभी सरकारी स्कूलों में काम कर रहे मिड डे मील के रसोइए, रात्रि पहली, शारीरिक शिक्षा और स्वास्थ्य अनुदेशकों के मानदेय में दोगुना इजाफा किया जाएगा। शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने में रसोइयों, रात्रि प्रहरियों और शारीरिक शिक्षा और स्वास्थ्य अनुदेशकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

यह पहला एलान नहीं है। नीतीश कुमार ने एक के बाद एक कई घोषणाएं की हैं। नीतीश कुमार के सबसे चर्चित एलानों में से एक 125 यूनिट तक बिहार में फ्री बिजली है। उन्होंने एक दिन पहले गुरुवार को प्रगति यात्रा के दौरान करीब 574.16 करोड़ रुपये की पिरयोजनाओं को शिलान्यास किया है। 

नीतीश कुमार ने 30 जुलाई को एलान किया था कि आशा कार्यकर्ताओं को 1 हजार रुपए की जगह 3 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। साथ ही ममता कार्यकर्ताओं को प्रति प्रसव 300 रुपए की जगह 600 रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। बिहार के चुनावी मौसम में नीतीश कुमार, लोकलुभावन घोषणा करने वाले अकेले नहीं हैं। उनके साथ-साथ बिहार की कई राजनीतिक पार्टियों ने लोकलुभावने वादे किए हैं। आइए जानते हैं किस पार्टी का क्या वादा है-  

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राष्ट्रीय जनता दल का चुनावी वादा क्या है? 

राष्ट्रीय जनता दल, बिहार का मुख्य विपक्षी दल है। लालू प्रसाद यादव राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। तेजस्वी यादव, इस पार्टी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार हैं। उन्होंने भी वादा किया है कि अगर सत्ता में आए तो बिहार में शिक्षा, रोजगार और पलायन रोकने के लिए कई क्रांतिकारी काम करेंगे। आइए जानते हैं प्रमुख वादे क्या हैं-

  • नौकरी रोजगार की शक्ति
    कैसे: तेजस्वी यादव ने वादा किया है कि वह बिहार के लाखों युवाओं को नौकरी देंगे। बिहार में रोजगार की अनंत संभावनाएं हैं। 100 फीसदी अधिवासी नीति लागू करेंगे, जिससे बिहार के लोगों को ही बिहार में नौकरी मिले। तेजस्वी यादव ने युवा आयोग गठित करने का वादा किया है। प्रतियोगी परीक्षाओं की फीस माफ करने और यात्रा खर्च उठाने का भी वादा तेजस्वी यादव ने किया है।
  • पलायन से मुक्ति
    कैसे: तेजस्वी यादव का दावा है कि वह सरकारी और सर्विस सेक्टर में नौकरियों को मौका देंगे। अस्पताल से लेकर सड़क तक सुधारेंगे, जिसकी वजह से बिहार में पलायन रुकेगा। उन्होंने बेनिफिट एजुकेशन ट्रेनिंग इनकम की घोषणा की है। इस योजना के तहत युवाओं को ट्रेनिंग, शिक्षा और रोजगार के अवसर दिए जाएंगे। 
  • महिला उत्थान
    कैसे: तेजस्वी यादव ने 'माई-बहन सम्मान योजना' के तहत, महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपये की आर्थिक सहायता देने का वादा किया है। इसकी रूप-रेखा कांग्रेस और आरजेडी दोनों दलों की ओर से तैयार की गई है।  मकसद महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है।
तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष, बिहार।


और RJD ने क्या वादा किया है?

राष्ट्रीय जनता दल का चुनावी वादा है कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो युवाओं को काम मिलेगा, औद्योगिकीकरण और पूंजी निवेश, सुरक्षित परिवेश, किसान मजदूर का कल्याण, भ्रष्टाचार पर लगाम लगाया जाएगा। आरजेडी का वादा है कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था सुधारी जाएगी, नौकरशाही पर लगाम लगेगी, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किया जाएगा।

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कांग्रेस ने क्या वादा किया है?

कांग्रेस ने बिहार के लोगों को 5 योजनाओं का गुलदस्ता देने का वादा किया है। ये वादे क्या हैं, आइए जानते हैं- 

  • माई-बहिन योजना
    मिलेगा क्या: प्रति माह 2500 रुपये की आर्थिक मदद
  • वृद्ध दिव्यांग पेंशन:
    मिलेगा क्या: 1500 रुपये प्रति महीने।
  • 200 युनिट फ्री बिजली
    मकसद: साल 2020 से ही महागठबंधन 200 यूनिट फ्री बिजली का वादा कर रहा है। नीतीश कुमार सरकार ने 125 यूनिट फ्री बिजली का वादा किया है। कांग्रेस का एजेंडा है कि बिहार में लोगों को सस्ती बिजली मिले और 200 यूनिट तक फ्री बिजली का लाभ भी मिले। 
  • मुफ्त बीमा
    मिलेगा क्या: 25 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज बीमा। बीमार होने पर 25 लाख रुपये तक का इलाज फ्री होगा। 
  • भूमिहीन परिवारों को मकान
    मिलेगा क्या: 5 डिसिमल तक जमीन दी जाएगी, जिससे भूमिहीन परिवार मकान बनवा सकें। 
कांग्रेस नेता राहुल गांधी। (Photo Credit: PTI)

जन सुराज ने क्या वादा किया है?

प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज ने भी कई लोक लुभावने वादे किए हैं। उन्होंने बिहार में 67 लाख से ज्यादा नौकरी सर्विस सेक्टर में देने की बात कही है। उन्होंने भी कई बड़े वादे किए हैं- 

  • बिहार में परिवार लाभ कार्ड से बिहार के युवाओं के लिए 12 हजार रुपये के रोजगार की गारंटी
  • बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवाओं को हर महीने 2 हजार रुपये की पेंशन
  • नकदी फसलों की खेती के लिए मजदूरों को 2500 रुपये की मदद
  • महिलाओं को 4 प्रतिशत ब्याज पर 5 लाख रुपये तक का कर्ज
  • 15 साल तक के हर गरीब बच्चे को शिक्षा के लिए 1000 रुपये की आर्थिक मदद
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर। (Photo Credit: PTI)


बिहार के लिए NDA गठबंधन का वादा किया है?

बिहार में बीजेपी और जेडीयू के वादे लगभग एक जैसे ही ही हैं। दोनों सहयोगी दलों का जोर बिहार के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के वादे पर है। नीतीश कुमार ने कई जनकल्याणकारी योजनाओं को लागू करने का फैसला किया है। आचार संहिता लागू होने से पहले बिहार को कई योजनाओं की सौगात दी जा रही है। नीतीश सरकार ने ऐलान किया है कि 2025 से 2030 के बीच 1 करोड़ युवाओं को रोजगार देंगे।

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। (Photo Credit: PTI)


बेहतर कानून व्यवस्था का वादा किया है। एनडीए की ओर से प्रमुख फैसले और वादे क्या लिए गए हैं, आइए जानते हैं- 

  • दीदी की रसोई योजना: 20 रुपये में थाली
  • 2.5 साल में 1 करोड़ नौकरी देने का लक्ष्य
  • 125 यूनिट तक फ्री बिजली
  • पढ़ाई के बाद युवाओं को इंटर्नशिप के लिए 6000 रुपये की मदद
  • 5000 से ज्यादा पंचायतों में विवाह भवन का वादा
  • बिहार की स्थाई निवासी महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण का वादा
  • नई बस खरीदने पर सरकार 20 लाख रुपये देगी
  • गुरु-शिष्य योजना को मंजूरी
  • पत्रकारों की पेंशन बढ़ाकर 1500 रुपये
  • दिव्यांगों के लिए सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना की शुरुआत
  • ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों का निर्माण
  • पश्चिमी कोसी नहर परियोजना
  • बिहार के पर्यटन को बढ़ावा देने पर जोर
  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी एंटरप्रेन्योरशिप एंड मैनेजमेंट की स्थापना
  • IIT पटना के विस्तार का वादा
  • बिहार डीएलएड एंट्रेस एग्जाम और काउंसलिंग को आसान बनाने का वादा
  • मखाना बोर्ड: केंद्र सरकार ने मखाना बोर्ड के गठन का ऐलान बजट में किया था। अब एनडीए सरकार ने  मिथिलांचल और सीमांचल क्षेत्रों में मखाना बोर्ड की स्थापना की घोषणा की है। लाखों किसानों को इससे लाभ मिलेगा। 

    नोट: अभी तक बिहार की किसी भी राजनीतिक पार्टी ने अपने चुनावी घोषणापत्र का एलान नहीं किया है। यह रिपोर्ट, नेताओं के बयानों और उनके सोशल मीडिया पोस्ट पर आधारित है। 

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