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बिहार: कितने मंडल, कितने जिले, किसका असर? वह सब जो आप जानना चाहते हैं

बिहार की 243 विधानसभाएं, 9 अलग-अलग प्रमंडलों के अंतर्गत आती हैं। कितने मंडल हैं, क्या सियासी समीकरण हैं, कौन प्रमुख नेता हैं, सब जानिए।

Bihar Assembly Elections 2025

चिराग पासवान, सम्राट चौधरी, नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव। (Photo Credit: Khabargaon)

बिहार। 322 से 185 ईसा पूर्व जहां मगध साम्राज्य का उदय हुआ। मौर्य और गुप्त साम्राज्य के विस्तार के विस्तार का गवाह रहा। उसी मौर्य समाज का, जिसकी सीमाएं भारतीय उपमहाद्वीप के साथ-साथ अफगानिस्तान तक पहुंचती थीं। यह वही राज्य हैं, जहां गणराज्यों की परिकल्पना फली-फूली। वैशाली, लिच्छवी, मिथिला और पाल साम्राज्य की जो धरती साक्षी रही। यह राज्य, सैकड़ों साल तक, देश की सांस्कृति, धर्म और राजनीति का केंद्र रहा है। दुनिया जिस नालंदा विश्वविद्यालय को याद करती है, उसके साक्ष्य, यहां की धरती में आज भी मौजूद हैं। 

उसी बिहार में आजादी के बाद नए सिरे से प्रशासनिक व्यवस्था जन्मी। अब बिहार में 9 प्रमंडल और 38 जिले हैं। बिहार के जिलों को प्रशासनिक सुविधा के हिसाब से 101 अनुमंडल, 534 प्रखंड या अंचल, 8,471 पंचायत, 45,103 गांव में बांटा गया है। हर क्षेत्र की अपनी विविधता है। बिहार में नगर निगमों की संख्या 19 है, नगर परिषदों की संख्या 49 और नगर पंचायतों की संख्या 80 है। बिहार में 243 विधानसभा सीटें हैं, वहीं 40 लोकसभा सीटें हैं। 

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बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में राजनीतिक नजरिए से बिहार कैसा है, आइए इसे समझते है- 

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बिहार के 9 प्रमंडल और 38 जिलों पर एक नजर

  1. पटना मंडल  
    कितने जिले: पटना, नालंदा, भोजपुर, बक्सर, रोहतास, कैमूर  
    मुख्यालय: पटना
    विधानसभा सीटें: 43 सीटें
    प्रमुख नेता:  नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव,  सम्राट चौधरी
    सियासी दबदबा: साल 2020 में हुए विधानसभा चुनावों में महागठबंधन ने इस मंडल में अच्छा प्रदर्शन किया था। राष्ट्रीय जनता दल ने यादव और मुस्लिम मतदाताओं के दम पर कई सीटें जीतीं। बीजेपी का प्रभाव रोहतास, कैमूर और बक्सर बहुत सीमित रहा। नालंदा में जेडीयू मजबूत रही, क्योंकि यह नीतीश कुमार का गृह नगर है।
     
  2. तिरहुत मंडल  
    कितने जिले: मुजफ्फरपुर, वैशाली, शिवहर, सीतामढ़ी, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण  
    मुख्यालय: मुजफ्फरपुर
    विधानसभा सीटें: 49
    प्रमुख नेता: मुकेश सहनी (VIP), अवध बिहारी चौधरी (RJD), संजीव सिंह (BJP)
    सियासी दबदबा: साल 2020 में एनडीए का इस क्षेत्र में मजबूत प्रदर्शन रहा। बीजेपी और जेडीयू ने मिलकर अधिकांश सीटें जीतीं। पश्चिमी और पूर्वी चंपारण में बीजेपी का प्रभाव अधिक रहा। वैशाली और मुजफ्फरपुर में जेडीयू और आरजेडी के बीच कड़ा मुकाबला देखा गया।

  3. सारण मंडल  
    कितने जिले: सारण, सीवान, गोपालगंज  
    मुख्यालय: छपरा
    विधानसभा सीटें: 28 
    प्रमुख नेता: लालू प्रसाद यादव, बीजेपी नेता राजीव प्रताप रूडी और बीजेपी नेता रामकृपाल यादव 
    सियासी दबदबा: सारण मंडल में आरजेडी मजबूत स्थिति में रही है। लालू यादव का यहां अच्छा प्रभाव दशकों से रहा है। सीवान और गोपालगंज में यादव और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या निर्णायक हैं। दोनों समुदाय, आरजेडी के जनाधार माने जाते हैं। बीजेपी और जेडीयू ने कुछ सीटों पर सवर्ण और ओबीसी वोटों के दम पर जीत हासिल की। 

  4. दरभंगा मंडल  
    कितने जिले: दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर  
    मुख्यालय: दरभंगा
    विधानसभा सीटें: 24
    प्रमुख नेता: संजय झा (JDU), मोहम्मद अली अशरफ फातमी (RJD), गोपाल जी ठाकुर (BJP)
    सियासी दबदबा: एनडीए गठबंधन यहां हावी रहा। बीजेपी और जेडीयू ने इस क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन किया। जेडीयू का कुर्मी और कोईरी वोटों में प्रभाव रहा, वहीं आरजेडी ने यादव और मुस्लिम मतदाताओं के वोट खींचे।

  5. कोसी मंडल  
    कितने जिले: सहरसा, सुपौल, मधेपुरा  
    मुख्यालय: सहरसा
    विधानसभा सीटें: 14
    प्रमुख नेता: विनोद नारायण झा (BJP), वीणा भारती (JDU) , तेज प्रताप यादव (RJD)
    सियासी दबदबा: महागठबंधन इस इलाके में प्रभावी है। साल 2020 के विधानसभा चुनाव में मधेपुरा और सुपौल में यादव वोटर मजबूत स्थिति में हैं। जेडीयू ने कुछ सीटों पर कुर्मी और अन्य वोटरों की मदद से अच्छी बढ़त हासिल की। 

  6. पूर्णिया मंडल  
    कितने जिले: पूर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनगंज  
    मुख्यालय: पूर्णिया
    विधानसभा सीटें: 21 
    प्रमुख नेता: अख्तरुल ईमान (तब AIMIM), विजय कुमार मंडल (BJP) , सैयद रुकनुद्दीन अहमद (तब AIMIM, अब RJD)
    सियासी दबदबा: सीमांचल क्षेत्र में बीजेपी का प्रभाव कमजोर रहा है। यहां राष्ट्रीय जनता दल और एआईएमआईएम को बढ़त हासिल हुई थी। 

  7. भागलपुर मंडल  
    कितने जिले: भागलपुर, बांका 
    मुख्यालय: भागलपुर
    विधानसभा सीटें: 13
    प्रमुख नेता: अजीत शर्मा (Congress), पवन कुमार यादव (BJP), भूदेव चौधरी (RJD)
    सियासी दबदबा: साल भागलपुर में एनडीए मजबूत स्थिति में रहा। बीजेपी और जेडीयू, ने इस क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन किया। बीजेपी का सवर्ण और ओबीसी वोटों में प्रभाव बरकरार रहा। 

  8. मुंगेर मंडल  
    कितने जिले: मुंगेर, जमुई, खगड़िया, लखीसराय, बेगूसराय, शेखपुरा  
    मुख्यालय: मुंगेर
    विधानसभा सीटें: 29
    प्रमुख नेता: अनंत सिंह (RJD), विजय कुमार सिन्हा (BJP), प्रणव कुमार यादव (BJP)
    सियासी दबदबा: साल 2020 में एनडीए और महागठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला रहा। बीजेपी ने सवर्ण और ओबीसी मतदाताओं, जबकि आरजेडी और सीपीआई(एमएल) ने दलित और पिछड़े वोटों पर कब्जा किया। बेगूसराय में वाम दलों का प्रभाव अब भी है।

  9. मगध मंडल  
    कितने जिले: गया, नवादा, औरंगाबाद, जहानाबाद, अरवल  
    मुख्यालय: गया
    विधानसभा सीटें: 31
    प्रमुख नेता: गायत्री देवी (RJD) , सत्येंद्र यादव (CPI(M)), हरि मांझी (BJP)
    सियासी दबदबा: इस क्षेत्र में एनडीए के लिए नीतीश कुमार और बीजेपी की पकड़ अलावा, जीतन राम मांझी का भी दबदबा रहा है। जीतन राममांझी का प्रभाव मुसहर समुदाय में मजबूत है। आरजेडी ने भी कुछ सीटों पर यादव वोटों के दम पर जीत हासिल की थी।

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