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जिन 20 जिलों में यात्रा निकाल रहे राहुल वहां 2020 में क्या हुआ था?

बिहार में कांग्रेस वोटर अधिकार यात्रा निकाल रही है। बिहार के 20 से ज्यादा जिलों की 50 से ज्यादा विधानसभा सीटों से होकर यह यात्रा गुजरेगी। जिन जिलों से यह यात्रा गुजर रही है, वहां कांग्रेस का हाल क्या है, आइए जानते हैं।

Rahul Gandhi

कांग्रेस नेता राहुल गांधी। (Photo Credit: PTI)

बिहार में 'वोट चोरी' और  'SIR' दो मुद्दे ऐसे हैं, जिन पर पक्ष और विपक्ष दोनों दल बिहार की सड़कों से लेकर देश की संसद तक भिड़ गए हैं। कांग्रेस का कहना है चुनाव आयोग, सरकार की मदद से वोटर लिस्ट में हेरफेर कर रहा है, फर्जी वोटर जोड़े जा रहे हैं, गलत तरीके से लोगों का वोट चुराया जा रहा है। एक आरोप यह भी है कि स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) या मतदाता सूची संशोधन के बहाने लोगों का वोट काटा जा रहा है, जिससे अपने मन मुताबिक चुनावी नतीजे आ सकें। चुनाव आयोग इन आरोपों को खारिज कर रहा है। SIR और कथित वोट चोरी के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी रविवार से वोटर अधिकार यात्रा निकाल रहे हैं।

राहुल गांधी की यह यात्रा बिहार के सासाराम से शुरू हो रही है। 16 दिनों की इस यात्रा में 50 से ज्यादा विधानसभाएं आएंगी और 20 से ज्यादा जिलों से होकर राहुल गांधी गुजरेंगे। राज्य में चुनाव अब 3 महीने के भीतर हो सकता है। राहुल गांधी की यह यात्रा बेहद अहम मानी जा रही है। कांग्रेस के सभी सहयोगी दलों के नेता भी इस यात्रा में शामिल हो रहे हैं। तेजस्वी यादव, मुकेश सहनी और बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश कुमार भी इस यात्रा में शामिल होंगे। 

बिहार आंदोलनों की धरती है। चंपारण से लेकर जेपी आंदलोन तक, आंदोलनों के जरिए बिहार में कई नेता सामने आए। सत्तारूढ़ और मुख्य विपक्षी दल, दोनों के मुखिया, आंदोलनों से आगे बढ़े नेता हैं। चाहे बात लालू यादव की हो या मुख्यमंत्री नतीती की, आंदोलनों ने बिहार को चेहरा दिया है। कांग्रेस भी आंदोलन के मूड में नजर आ रही है। कांग्रेस ने SIR और वोट चोरी का मुद्दा उठाया है और अपनी यात्रा को आंदोलन का नाम भी दे रही है। 

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क्यों अहम है वोट अधिकार यात्रा?  

विपक्ष ने संयुक्त रूप से अभी तक बिहार में ऐसी रैली नहीं की है। कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, वीआईपी और लेफ्ट के गठबंधन के लिए यह रैली अहम साबित होने वाली है। बिहार में इस यात्रा की अगुवाई कांग्रेस कर रही है लेकिन आरजेडी के नेता भी इस रैली में सक्रियता से हिस्सा लेंगे। कांग्रेस का एक बड़ा वर्ग इस यात्रा को भारत जोड़ा यात्रा और भारत जोड़ो न्याय यात्रा की तरह ही देख रही है।

बिहार की करीब 29 लोकसभा क्षेत्रों के 50 से ज्यादा विधानसभा क्षेत्रों को यह यात्रा कवर करेगी। यह यात्रा 20 से ज्यादा जिलों से गुजरेगी। कांग्रेस ने इस यात्रा के लिए जो राह चुनी है, वहां इंडिया ब्लॉक की पार्टियां मजबूत स्थिति में है। अब राहुल गांधी 1300 किलोमीटर की यात्रा करेंगे। कभी पैदल, कभी गाड़ी से होने वाली इस यात्रा में वह बिहार की नब्ज टटोलने की कोशि कर रहे हैं।  

तेजस्वी यादव और राहुल गांधी। (Photo Credit: Congress)

जहां से शुरू हो रही है राहुल गांधी की यात्रा, वहां इंडिया ब्लॉक का हाल क्या है?

रोहतास में 3 लोकसभा सीटें पड़ती हैं। बक्सर, सासाराम और काराकाट। बक्सर से सुधाकर सिंह विधायक हैं, वह राष्ट्रीय जनता दल से हैं। सासाराम से मनोज कुमार सासंद हैं। वह कांग्रेस से हैं। काराकाट से राजा राम सिंह सांसद हैं। कम्युनिस्ट पार्टी इंडिया (मार्क्सवादी-लेननवादी) (लिबरेशन) से हैं। लोकसभा में इंडिया ब्लॉक का दबदबा है। 

विधानसभा में भी कुछ ऐसा ही हाल है। सिर्फ चेनारी में ही बीजेपी के मुरारी प्रासद गौतम विधायक हैं। बाकी 6 विधानसभा सीटों पर इंडिया ब्लॉक का दबदबा है। सासाराम से राजेश कुमार गुप्ता (RJD), करगहर से संतोष कुमार मिश्रा (कांग्रेस), दिनारा से विजय कुमार मंडल (आरजेडी), नोखा से अनीता देवी (आरजेडी), डेहरी से फतेह बहादुर सिंह (आरजेडी) और काराकाट से अरुण सिंह विधायक हैं। वह CPI (M-L) (L) से विधायक हैं। 

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कांग्रेस के लिए यह यात्रा कितनी अहम है?

कांग्रेस ने साल 2020 के विधानसभा चुनाव में 70 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। केवल 19 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। यात्रा का मकसद अगले चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर करना है। वोटर अधिकार यात्रा की ज्यादातर सीटों पर इंडिया ब्लॉक का कब्जा है लेकिन कुछ मिश्रित सीटें भी हैं, जहां एनडीए के विधायक हैं। 

वोटर अधिकार यात्रा की राह में करीब 50 विधानसभा सीटों पड़ेंगी। इंडिया ब्लॉक के पास यहां 21 सीटें हैं। साल 2020 में राष्ट्रीय जनता दल ने इन 50 सीटों में से 23 पर चुनाव लड़ा, 12 सीटें हासिल कर पाई। कांग्रेस ने 22 सीटों पर चुनाव लड़ा। केवल 7 सीटें जीत पाई। वाम दलों ने कुल 5 सीटों पर चुनाव लड़ा था, दो सीटों पर जीत हासिल की।  

भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी। (Photo Credit: PTI)

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एक नजर, इस रूट के विधायकों पर 

  1. औरंगाबाद: आनंद शंकर सिंह (कांग्रेस)
  2. कुटुम्बा (एससी): राजेश कुमार (कांग्रेस
  3. जमालपुर: अजय कुमार सिंह (कांग्रेस)
  4. कदवा: शकील अहमद ख़ान (कांग्रेस)
  5. अररिया: अबिदुर रहमान (कांग्रेस)
  6. भागलपुर: अजीत शर्मा (कांग्रेस)
  7. मुजफ्फरपुर: बिजेंद्र चौधरी (कांग्रेस)
  8. सासाराम: राजेश कुमार गुप्ता (आरजेडी)
  9. रफीगंज: मोहम्मद निहालुद्दीन (आरजेडी)
  10. गुरुआ: विनय कुमार (आरजेडी)
  11. नवादा: विभा देवी (आरजेडी)
  12. शेखपुरा: विजय कुमार (आरजेडी)
  13. नाथनगर: अली अशरफ सिद्दीकी (आरजेडी)
  14. मधुबनी: हरिभूषण ठाकुर (बीजेपी)
  15. दरभंगा ग्रामीण: ललित कुमार यादव (आरजेडी)
  16. गायघाट: निरंजन राय (आरजेडी)
  17. सुगौली: शशि भूषण सिंह (आरजेडी)
  18. सिवान: अवध बिहारी चौधरी (आरजेडी)
  19. एकमा: श्रीकांत यादव (आरजेडी)
  20. मांझी: सत्येंद्र प्रसाद यादव (सीपीएम)

राहुल गांधी के मार्च में पड़ने वाली संसदीय सीटों पर क्या समीकरण हैं?

राहुल गांधी की वोट अधिकार यात्रा में 9 संसदीय सीटें आएंगी, जिनमें से 6 सीटों पर इंडिया ब्लॉक के सांसद हैं। साल 2024 के चुनाव में इन सीटों पर इंडिया ब्लॉक को जीत मिली थी। अब एक बार फिर कांग्रेस इन लोकसभाओं को साधने की कोशिश में जुटी है, ये लोकसभा हैं- 

  • सासाराम: मनोज कुमार, कांग्रेस
  • कटिहार: तारिक अनवर, कांग्रेस
  • किशनगंज: मोहम्मद जावेद, कांग्रेस
  • काराकाट: राजाराम सिंह, CPI ML
  • आरा: सुदामा, CPI ML
  • औरंगाबाद: अभय कुशवाहा, RJD

क्यों यहां कांग्रेस सफल है

सासाराम, बक्सर, भोजपुर, कैमूर, रोहतास और शाहाबाद में अल्पसंख्यक, यादव और दलित वर्ग प्रभावशाली है। महागठबंधन, अपना कोर वोट बैंक भी इन्हें ही मानता है। कांग्रेस, आरजेडी और लेफ्ट के बेहतर तालमेल ने इन सीटों पर स्थिती मजबूत कर दी। अब एक बार फिर इन्हीं सीटों को साधने की कोशिश की जा रही है।

कांग्रेस चुनाव आयोग और बीजेपी पर संविधान की हत्या का आरोप लगा रहे हैं। (Photo Credit: PTI)

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और कहां से होकर गुजरेगी राहुल गांधी की यात्रा

राहुल गांधी कटिहार, पूर्णिया, अररिया, मोतिहारी, गोपालगंज, सीवान और छपरा से होकर भी गुजरेंगे। कांग्रेस ने रूट में इन सीटों को इसलिए शामिल किया है कि यहां जड़ जमाना चाहती है। ये सीटें अभी बीजेपी और एनडीए के प्रभाव में हैं। इन सीटों पर जीत का अंतर कम रहा है। कांग्रेस और आरजेडी इन्हीं सीटों पर अपना जन समर्थन मजबूत करना चाहती है। इस रूट पर 7 विधानसभा सीटों पड़ेंगी,जिनमें से 5 पर बीजेपी का कब्जा है। सीवान आरजेडी के पास है, वहीं अररिया के पास है। आइए जानते हैं इसके बारे में- 

  • कटिहार: तारकिशोर प्रसाद (बीजेपी)
  • पूर्णिया: विजय कुमार खेमका (बीजेपी)
  • छपरा: डॉ. सीएन गुप्ता (बीजेपी)
  • मोतिहारी: प्रमोद कुमार (बीजेपी)
  • गोपालगंज:सुभाष सिंह (बीजेपी)
  • सिवान: अवध बिहारी चौधरी (आरजेडी)
  • अररिया: अबिदुर रहमान (कांग्रेस)


राहुल गांधी किन मुद्दों को उठा रहे हैं?

कांग्रेस और आरजेडी, दोनों दलों की ओर से मुखर होकर चुनाव आयोग की खामियां गिनाई जा रही हैं। SIR और कथित 'वोट चोरी' को लेकर दोनों दलों के नेता आरोप लगा रहे हैं। तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि इंडिया ब्लॉक के समर्थन करने वाले लोगों, अल्पसंख्यकों के नाम ही वोटर लिस्ट से बाहर किए जा रहे हैं। उनका दावा है कि 60 लाख से ज्यादा लोगों को वोटर लिस्ट से ही भारत कर दिया गया है। कांग्रेस अपनी यात्रा में लोगों से इसी मुद्दे पर बात करेगी। राहुल गांधी बिहार में पलायन के मुद्दे पर भी मुखर हैं। 

 

तेजस्वी यादव अपनी जनसभाओं में पलायन के लिए नीतीश कुमार सरकार को कोस रहे हैं। वह डबल इंजन सरकार पर एक दशक में पलायन न रोक पाने का मुद्दा उठा रहे हैं। वह किसानों पर बढ़ते कर्ज, बिहार में कानून व्यवस्था का मुद्दा भी उठा रहे हैं। बिहार में उन्होंने जंगलराज के जवाब में 'गुंडाराज' का मुद्दा उठाया। बीते कुछ महीनों में बिहार की राजधानी पटना में ही कई आपराधिक घटनाएं हुईं। इंडिया गठबंधन ने इसे मुद्दा बनाया है। संविधान और लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई को लेकर भी कांग्रेस मुखर है।  

SIR के मुद्दे पर राहुल गांधी ने पूरे विपक्ष को एक कर लिया है। (Photo Credit: PTI)

2020 के चुनाव में नतीजे क्या रहे थे?

साल 2020 के चुनाव में एनडीए बनाम कांग्रेस की लड़ाई कांटे के टक्कर वाली थी। बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से एनडीए ने 125 सीटें हासिल कीं। महागठबंधन ने कुल 110 सीटें हासिल कीं। 

पार्टीवार नतीजे क्या रहे?

इंडिया ब्लॉक

  • राष्ट्रीय जनता दल: 75
  • कांग्रेस: 19
  • CPI ML L: 12
  • CPI M: 2
  • CPI: 2
  • VIP: 4

एनडीए 

  • बीजेपी: 74
  • जेडीयू: 43
  • हिंदुस्तान आवाम मोर्चा: 4
  • लोक जनशक्ति पार्टी: 1 

बिहार में SIR पर अब तक क्या हुआ है, राहुल गांधी क्या करेंगे?

बिहार में SIR को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। एक बड़ा तबका है जिसे इस प्रक्रिया में जूझना पड़ा है। बिहार के SIR को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को अपने अंतरिम आदेश में चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वह ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से छूटे लगभग 65 लाख मतदाताओं के नामों की एक लिस्ट दे। नाम क्यों हचाए गए हैं, इसकी वजह भी बताए। अब कांग्रेस इसी मुद्दो को लेकर वोटर अधिकार यात्रा निकाल रही है। कांग्रेस यात्रा से अपने जनाधार को मजबूत करने की कोशिश भी कर रही है, साथ ही बिहार चुनाव के मुद्दों को भी मुखरता से उठा रही है। 

 

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