logo

ट्रेंडिंग:

140 लड़ाइयां, मुगलों से पंगा और दर्दनाक मौत, 'छावा' असली कहानी क्या है

विकी कौशल ने छावा फिल्म में छत्रपति संभाजी महाराज की भूमिका अदा की है। उन्होंने अपने साम्राज्य की रक्षा के लिए कई लड़ाइयां लड़ी थीं। उनकी कहानी क्या है, आइए जानते हैं।

Vicky Kaushal

छावा फिल्म में संभाजी राव की भूमिका निभा रहे हैं विकी कौशल। (Photo Credit: Maddock Films)

विकी कौशल पीरियड ड्रामा 'छावा' की वजह से चर्चा में हैं। विकी कौशल और रश्मिका मंडाना की यह एतिहासिक फिल्म 14 फरवरी को रिलीज होने वाली है। फिल्म मराठी उपन्यास 'छावा' पर आधारित है, इसी नाम से यह हिंदी में रिलीज की जा रही है। 

विकी कौशल इस फिल्म में संभाजी की भूमिका निभा रहे हैं। लक्ष्मण उतेकर इस फिल्म के निर्देशक हैं। औरंगजेब की भूमिका में अक्षय खन्ना हैं। फिल्म में दिव्य दत्ता, डायना पैंटी और आशुतोष राणा जैसे दिग्गज कलाकार भी हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज के विशाल मराठा साम्राज्य को बढ़ाने में संभाजी ने भी अहम योगदान दिया था।

आप जानते हैं किं संभाजी महाराज की असली कहानी क्या है?  आइए जानते हैं मुगल साम्राज्य की चूलें हिला देने वाले महान मराठा राजा छत्रपति संभाजी महाराज की कहानी।

मराठा साम्राज्य के दूसरे छत्रपति
मराठा साम्राज्य के महान योद्धा संभाजी का जन्म 14 मई 1657 को मराठाओं के अजेय दुर्ग पुरंदर में हुआ था। वह छत्रपति शिवाजी और साईबाई के बेटे थे। 2 साल की उम्र में मां की छाया उनके सिर से उठ गई थी। शिवाजी की मां जिजाबाई ने उनकी परवरिश की। ऐसा कहा जाता है कि बहुत कम उम्र में ही संभाजी महाराज की राजनीतिक समझ परिपक्वता में बदल गई थी। 

यह भी पढ़ें: कितना सच-कितना फसाना... क्या सच में 'आलसी' बनाती हैं मुफ्त की चीजें?

वह मराठा साम्राज्य के दूसरे राजा थे। महज 9 साल के शासन में उन्होंने कई ऐसे उल्लेखनीय काम किए, जिसकी वजह से लोग उन्हें आज भी याद करते हैं। वह मराठा साम्राज्य को अजेय बनाना चाहते थे। उनकी अदावत मुगलों से थी, जिनसे उन्होंने जीवनभर जंग लड़ी। 

छावा फिल्म में विकी कौशल। (Photo Credit: Maddock Films)

मुगल साम्राज्य के लिए काल बन गए थे संभाजी!
संभाजी 1681 से लेकर 1689 तक मराठा साम्राज्य के छत्रपति रहे। उन्होंने मराठा और मुगलों के बीच चल रही कई लड़ाइयां लड़ीं। कई किले उन्होंने मुगलों से आजाद कराए। उन्होंने कई अहम जंगें लड़ीं। उन्होंने मुगलों के कब्जे वाले बुरहानपुर में धावा बोला। औरंगजेब के बेटे को इस किले से भाग जाना पड़ा। बाहुदर खान बुरहानपुर किले का किलेदार था, उसे संभाजी ने बेदखल कर दिया। कहते हैं कि छोटी-छोटी 140 से ज्यादा लड़ाइयां लड़ी थीं। उन्होंने दक्कन के कई किले मुगलों के शिकंजे से छुड़ाए।



यह भी पढ़ें: कभी खट्टे-कभी मीठे... कहानी भारत और अमेरिका के रिश्तों की

मुगलों से 9 साल खूब लड़ी जंग
साल 1682 से लेकर 1688 तक मुगलों और मराठाओं के बीच कई जंगें लड़ी गईं। मुगल हर जंग में हारते रहे। संभाजी और उनके परिवार को मौत के घाट उतारने की इस दौरान खूब कोशिशें हुईं। उन्होंने 24 से ज्यादा षड्यंत्रकारियों को मौत की सजा सुनाई। साल 1685 में संभाजी मुगलों के कैद में आ गए और यहीं से उन्हें मारने की साजिश रची गई।

छावा में औरंगजेब का किरदार निभा रहे हैं अक्षय खन्ना। (Photo Credit: Maddock Films)

कैसे औरंगजेब की कैद में आए 'छावा'
1 फरवरी 1689 को औरंगजेब ने उन्हें पकड़ लिया और उन पर ढेरों जुल्म ढाए। उन्होंने असाधारण वीरता दिखाई। देवा, देवा और धर्म के सिद्धांत पर चले। उन्हें अपनों के धोखे की वजह से पकड़ा गया था। वह संगमेश्वर जा रहे थे, तभी मुगल सेना ने हमला बोल दिया। मुगर सरकार मुकर्रब खान ने उनके अंगरक्षकों को मार डाला। 

'जान बख्श देंगे, मुसलमान हो जाओ'
जब औरंगजेब से उनका सामना हुआ तो उसने एक शर्त रखी। औरंगजेब ने कहा कि वह इस्लाम कबूल कर लें और सारे किले मुगलिया सल्तनत को सौंप दे। संभाजी राव को अनगिनत यातनाएं मिलीं। उन पर पत्थर बरसाए गए। भाले चुभाए गए। कहते हैं कि उनकी आंख फोड़ दी गई थी, जुबान कटवा ली गई। 

छावा में संभाजी राव की भूमिका में हैं विकी कौशल। (Photo Credit: Maddock Films)

'टुकड़ों में काटा, कुत्तों को खिलवाई लाश'
संभाजी की हत्या 11 मार्च 1689 को हुई थी। उन्हें टुकड़ों में काट डाला गया। उनकी लाश के टुकड़ो को तुलापुर नदी में फेंक दिया गया था। महाराष्ट्र में किवदंति यह भी चलती है कि उनकी लाश को कुत्तों ने खाया था। 

Related Topic:#Vicky Kaushal

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap