• WASHINGTON COUNTY 12 Aug 2025, (अपडेटेड 12 Aug 2025, 8:07 AM IST)
अमेरिका के गृह मंत्रालय ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी को आतंकी संगठन घोषित किया है। पाकिस्तान में इस संगठन ने कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया है। विद्रोही संगठन से यह संगठन, अब आतंकी संगठन बन गया है।
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के आतंकी। (Photo Credit: Social Media)
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने सोमवार को बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी और मजीद ब्रिगेड को विदेशी आतंकी संगठन (FTO) की लिस्ट में डाल दिया है। मजीद बिग्रेड पहले भी स्पेशली डेसिगनेटेड ग्लोबल टेररिस्ट (SDGT) की लिस्ट में शामिल है। पाकिस्तान एक अरसे से इसकी मांग कर रहा था। अब अमेरिका ने भी इस पर आतंकी होने की मुहर लगा दी है। यह संगठन खुद को विद्रोही संगठन मानता है। पाकिस्तान में बलूच लोगों के उत्पीड़न के खिलाफ यह संगठन खड़ा हुआ है। संगठन का मकसद, बलूच के प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा और वहां के लिए स्वायत्तता हासिल करना है।
अमेरिका, दुनियाभर के आतंकी संगठनों को अपने यहां भी फॉरेन टेररिस्ट ऑर्गेनाइजेशन का दर्जा देता है। अमेरिका का कहना है कि उसकी नीतियां, आतंकवाद के खिलाफ बेहद सख्त हैं। पाकिस्तान भी मांग कर रहा था कि मजीद और बीएलए को आतंकी संगठन का दर्जा दिया जाए। अमेरिका में हुई यह कार्रवाई, इमिग्रेशन एंड नेशनैलिटी एक्ट की धारा 219 और कार्यकारी आदेश 13224 के तहत की गई है।
अमेरिकी विदेश सचिव (विदेश मंत्री) मार्को रुबियो ने कहा है, '2019 के बाद से बीएलए ने मजीद ब्रिगेड के जरिए कई हमलों की जिम्मेदारी ली है। इनमें 2024 में कराची हवाई अड्डे और ग्वादर पोर्ट अथॉरिटी कॉम्प्लेक्स के पास हुए आत्मघाती हमले शामिल हैं। मार्च 2025 में, बीएलए ने क्वेटा से पेशावर जाने वाली जफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक करने की जिम्मेदारी ली थी। हमले में 31 नागरिक और सुरक्षाकर्मी मारे गए थे। 300 से अधिक यात्री बंधक बनाए गए थे।'
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी है क्या?
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी, पाकिस्तान का विद्रोही संगठन है। अमेरिका और पाकिस्तान दोनों इसे आतंकी संगठन मानते हैं। 1977 से लेकर 2000 तक इस संगठन ने कई बदलाव देखे। विद्रोही संगठन से हथियारबंद संगठन तक, इसके सदस्यों की रणनीति बदलती रही है। साल 2000 में यह संगठन औपचारिक रूप से अस्तित्व में आया था। बीएलए, जिसे अमेरिका और पाकिस्तान दोनों ने आतंकी संगठन घोषित किया है, दशकों से पाकिस्तान सरकार के लिए यह संगठन मुश्किलें पैदा करता रहा है।
2000 से ही पाकिस्तान के अहम ठिकानों पर इस संगठन ने हमले किए हैं। संगठन में मैरी और बुगती जनजाति के सदस्य प्रभावी हैं। बलूच की लड़ाई, क्षेत्रीय स्वायत्तता की लड़ाई है। सरदार अकबर खान बुगती बलोचिस्तान के पूर्व मुख्यमंत्री थे। वह संस्थापक सदस्यों में शुमार रहे हैं। साल 2006 में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के ऑपरेशन में वह मारे गए थे। बशीर जेब को माना जाता है कि वह संगठन की कमान संभाल रहे हैं।
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी।
क्या चाहती है बलूचिस्तान आर्मी?
बलूच आर्मी, बलूचिस्तान की आजादी की मांग करता है। यह प्रांत प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है। बीएलए का आरोप है कि पाकिस्तान सरकार बलूचिस्तान के तेल और खनिज संपदा का दोहन करती है। वहां के बलोच अल्पसंख्यक भेदभाव और गरीबी से जूझ रहे हैं, उनके लिए सरकार कुछ नहीं करती है।
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने 2000 से 2025 तक के बीच कई आतंकी हमले किए। जुलाई 2000 में क्वेटा बम विस्फोट में 7 मरे, 25 घायल हुए। मई 2003 में पुलिस और गैर-बलूच नागरिकों को इस संगठन ने निशाना बनाया। साल 2004 में चीनी मजदूरों पर संगठन ने हमला किया।
दिसंबर 2005 में कोहलू में परवेज मुशर्रफ पर रॉकेट अटैक की कोशिश हुई। अप्रैल 2009 में बीएलए नेता बरह्मदाग खान बुगती ने पाकिस्तानियों पर हमले की अपील की।
जुलाई 2009 में 19 पुलिसकर्मियों का अपहरण और हत्या की जिम्मेदारी बीएलए ने ली। 2011-2018 तक बीएलए ने कोयला खदान, जिन्ना आवास, ग्वादर, हरनाई और कराची में चीनी दूतावास पर बीएलए ने हमला किया।
मार्च 2025 में BLA ने क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक किया। इस हमले में 31 लोग मारे गए, जिनमें नागरिक और सुरक्षाकर्मी शामिल थे। 300 से अधिक यात्रियों को बंधक बनाया गया। यह संगठन पाकिस्तान के लिए सिरदर्द बना है।