अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की 'गोल्ड कार्ड' नीति आलोचना के केंद्र में है। लोगों का कहना है कि वह आर्थिक आधार पर नागरिकता ऑफर कर रहे हैं। आरोपों के जवाब में डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि अमेरिकी बिजनेस कंपनियां भारत जैसे देशों के प्रतिभाशाली छात्रों को अपने पास रखने के लिए उनके ऑफर को खरीद सकती हैं। उनका कहना है कि इससे उन छात्रों को भर्ती करने में मदद मिलेगी, जो कड़ी पढ़ाई के लिए अमेरिकी स्कूलों में दाखिल हुए हैं।
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा, 'मुझे ऐसी कंपनियों से कॉल आते हैं, जो स्कूल में नंबर 1 छात्रों को सलेक्ट करना चाहती हैं। एक शख्स भारत, चीन, जापान और कई अलग-अलग जगहों से आ सकता है। वे हावर्ड से व्हार्टन स्कूल ऑफ फाइनेंस, येल और बड़े स्कूलों में जाते हैं। वे अपनी क्लास में बेहतर स्कलॉर होते हैं, उन्हें नौकरी का ऑफर मिलता है।'
गोल्ड कार्ड और छात्रों पर क्या सोचते हैं ट्रम्प?
डोनाल्ड ट्रम्प का कहना है कि इमिग्रेशन स्पष्ट न होने की वजह से अच्छे प्रतिभा वाले छात्रों को बनाए रखने में मुश्किलें आती हैं। डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा, 'उन्हें नौकरी के प्रस्ताव मिले, मना करना पड़ा। कंपनियों को पता नहीं है कि वह शख्स यहां रह सकता है या नहीं। मैं चाहता हूं कि ऐसे लोग देश में रहे। कंपनियां गोल्ड कार्ड खरीद सकती हैं। वे इसे सलेक्शन के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं। हमें उम्मीद है कि दो सप्ताह में बिक्री भी शुरू हो जाएगी।'
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क्या चाहते हैं ट्रम्प?
डोनाल्ड ट्रम्प चाहते हैं अमेरिका में उद्योगपति आएं। अगर आपके पास 44 करोड़ रुपये हैं तो अमेरिका की नागरिकता आप खरीद सकते हैं। देश में निवेश की इच्छा रखने वाले प्रवासियों के लिए वह आसान तरीके से राह तैयार कर रहे हैं।
गोल्ड कार्ड से पैसे कमाएंगे ट्रम्प
डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका फर्स्ट के नारे के साथ आए हैं। वह गोल्ड कार्ड का इस्तेमाल अमेरिका की अर्थव्यवस्था में कथित सुधार के लिए कर रहे हैं। गोल्ड कार्ड का असर व्यवसाय पर भी होगा। उनके आलोचक गोल्ड कार्ड के प्रस्ताव की आलोचना कर रहे हैं। उनका कहना है कि वह अमीरों के लिए रास्ता तैयार कर रहे हैं और गरीबों को बाहर भेज रहे हैं।
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क्या है ट्रम्प का गोल्ड कार्ड?
डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को यह योजना लॉन्च की है। उन्होंने कहा है कि अगर आप 5 मिलियन डॉलर का भुगतान करते हैं तो आपको नागरिकता मिल जाएगी। इसके लिए भारतीय रुपये में आपको करीब 44 करोड़ रुपये अदा करने पड़ सकते हैं। अमेरिका का यह कार्यक्रम अगले दो सप्ताह में शुरू हो जाएगा। इस योजना का हिस्सा कौन-कौन हो सकता है, इसे लेकर अभी शर्तें नहीं तय की गई हैं। ट्रम्प ने कहा, 'हम चाहते हैं कि हमारे पास ऐसे लोग हों जो हमारे देश से प्यार करते हों और देश से प्यार करने में सक्षम हों।'
कैसे ये हिंदुस्तानियों के लिए मौका हो सकता है?
डोनाल्ड ट्रम्प की इस योजना का इस्तेमाल वे कंपनियां कर सकती हैं, जिन्हें भारतीय प्रतिभाशाली छात्रों को अपनी कंपनी के लिए रिटेन करना हो। उन्हें 5 मिलियन डॉलर इसके लिए चुकाना होगा। अमेरिका का गोल्ड कार्ड EB-5 वीजा की जगह ले सकता है। इसके लिए अब उन छात्रों और पेशेवरों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा, जिनकी कंपनियां ये वे खुद यह राशि अदा करने में सक्षम हैं।
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जैसे अगर हिंदुस्तानी छात्र अमेरिकी विश्वविद्यालयों-कॉलेजों से पीएचडी कर रहे हैं, उनमें असाधारण क्षमता है तो इस योजना का लाभ ले सकते हैं। भले ही वे सीधे तौर पर ये न कर पाएं लेकिन उनकी कंपनियां और संस्थान ऐसा कर सकते हैं। विज्ञान, तकनीक, खेल या कला के क्षेत्र में यह बड़ा मौका दे सकता है।