जर्मनी के संसदीय चुनावों में राष्ट्रवादी पार्टियों के गठबंधन क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (CDU) की जीत हुई है। ओलाफ स्कोल्ज के नेतृत्व वाले सेंट्रल-लेफ्ट सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (SDP) की हार हुई है। राष्ट्रवादी वैश्विक नेताओं का एक धड़ा उनकी जीत से उत्साहित है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहना है कि खराब प्रवासी नीतियों से परेशान लोगों ने नई सरकार चुनी है। यह अमेरिका और जर्मनी दोनों देशों के लिए बेहतरीन दिन है।
फ्रीडरिष मैर्त्स चुनाव के सबसे बड़े हीरो बनकर उभरे हैं। यह गठबंधन की जीत है। उनके नेतृत्व में क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (CDU) और क्रिश्चियन सोशल यूनियन (CSU) को कुल 28.5 प्रतिशत वोट हासिल हुए हैं। आम चुनावों में अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (AfD) को भी 20.7 प्रतिशत वोट मिले हैं।
जर्मनी में कोई पार्टी स्पष्ट बहुमत की ओर नहीं हैं, ऐसे में गठबंधन की जरूरत पड़ेगी। AfD के दिग्गज नेताओं में शुमार टीनो क्रूपाला ने कहा है कि उनकी पार्टी गठबंधन पर बातचीत के लिए तैयार है। फ्रीडरिष मैर्त्स के नेतृत्व वाले दल और AfD की पार्टी का गठबंधन हो सकता है।
यह भी पढ़ें: गीता पर शपथ कानूनी रूप से मान्य? अमेरिका समेत इन देशों में परंपरा कायम
कभी रहे वकील, फिर बने बैंकर, अब होंगे चांसलर
फ्रीडरिष मैर्त्स का चुनावों में उभरकर सामने आना चौंकाने वाला है। वह कभी मंत्री तक नहीं रहे हैं। वह बैंकर थे, अब जर्मनी के चांसलर बनने वाले हैं। फ्रीडरिष मैर्त्स जर्मनी में अवैध प्रवासियों पर बेहद सख्त रुख रखते हैं।
उनका जन्म 11 नवंबर 1955 को जर्मनी के ब्रिलोन टाउन में हुआ। फ्रीडरिष मैर्त्स का परिवार कानूनी पेशे से जुड़ा रहा है। फ्रीडरिष मैर्त्स ने भी साल 1976 में कानून की पढ़ाई की। वह इसी साल CDU से जुड़ गए। उन्होंने साल 1981 चॉर्लेट मर्त्ज से शादी की थी। चॉर्लेट ने शुरुआत में कानून की प्रैक्टिस की। वह जर्मनी में जज हैं। उनके 3 बच्चे भी हैं।
यह भी पढ़ें: ट्रंप का USAID पर बड़ा एक्शन, 2 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाला
राजनीति में कैसे उभरे
साल 1989 में फ्रीडरिष मैर्त्स पहली बार यूरोपीय पार्लियामेंट के लिए चुने गए और साल 1994 तक, वह जर्मन फेडरल पार्लियामेंट के सदस्य बन गए। फ्रीडरिष मैर्त्स CDU के बड़े नेताओं में शुमार हुए। वह पार्टी के संसदीय बोर्ड का हिस्सा बने। साल 2000 में औपचारिक रूप से इस दल में उनका कद बढ़ा। साल 2005 में CDU/CSU ब्लॉक ने जर्मनी में SPD के साथ मिलकर सरकार बनाई।
कभी राजनीति से भागे, अब किया कमबैक
फ्रीडरिष मैर्त्स को एहसास हुआ कि उन्हें अकेला छोड़ दिया गया है। वह फिर साल 2009 में कानून और बैंकिंग से जुड़ गए। 10 साल बाद वह राजनीति में दोबारा लौटे। एंजेला मार्केल ने जब साल 2018 में रिटायरमेंट की घोषणा की, तब उन्होंने राजनीति में दोबारा एंट्री ली। वह एंजेला मार्केल के बाद पद संभालने की दावेदारी पेश की लेकिन असफल रहे।
यह भी पढ़ें: जर्मनी के नए चांसलर होंगे फ्रीडरिष मैर्त्स, आम चुनाव में किसे मिली हार
तीसरी बार राजनीति मे सफल हुए फ्रीडरिष मैर्त्स
साल 2021 में फ्रीडरिष मैर्त्स तीसरी बार जर्मनी की राजनीति में सक्रिय हो गए। उनकी पार्टी की 2021 में करारी हार हुई। साल 2022 में उन्होंने पार्टी की कमान संभाली। वह CDU के नेशनल चेयरमैन बने। फ्रीडरिष मैर्त्स प्रवासी नीतियों को लेकर बेहद सख्त हैं। उनके सामने चुनौती है कि गठबंधन की सरकार कैसे बनाएं। उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना है। सरकार गठन में कुछ वक्त लग सकता है।