अमेरिकी राजदूत टॉम बैरक ने दावा किया है कि सीरिया और इजरायल युद्ध विराम के लिए सहमत हो गए हैं। तुर्की और जॉर्डन जैसे देशों ने इस फैसले का समर्थन किया है। सीरिया के दक्षिण सुवैदा शहर में दोनों देशों के बीच भीषण झड़प चल रही थी। अब तक इस हिंसा में 600 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। इजरायल ने दमिश्क में हवाई हमले किए थे। इजरायल ने सीरिया के दक्षिण इलाके में सरकारी सैन्य बलों पर हमला किया था।
इजरायल का कहना था कि उसका मकसद सीरियाई ड्रूज की रक्षा करना है। सीरियाई राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा है कि वह देश के दक्षिणी भाग में खानाबदोशों और ड्रूज लड़ाकों के बीच सांप्रदायिक झड़प खत्म करने के लिए सेना तैनात करेगी।
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अमेरिकी राजदूत ने क्या कहा?
टॉम बैरक ने X पर पोस्ट किया है, 'हम ड्रूज, बेदुइन और सुन्नी समुदायों से हथियार डालने और अन्य अल्पसंख्यकों के साथ मिलकर एक नए, एकजुट और शांतिपूर्ण सीरियाई पहचान के निर्माण की अपील करते हैं।'
इजरायल ने हमला क्यों किया था?
अभी तक दोनों देशों ने इस युद्ध विराम पर कुछ नहीं कहा है। इजरायल ने कहा है कि ये हमले ड्रुज समुदाय की सुरक्षा के लिए थे। सीरिया में लंबे समय तक बशर अल-असद सरकार रही है। जब से असद सरकार की विदाई हुई, सेना और ड्रुज समुदाय का संघर्ष बढ़ता चला गया। इजरायल के हवाई हमलों में दमिश्क की कई सरकारी इमारतों को निशाना बनाया गया है।
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कैसे संघर्ष विराम पर बनी बात?
सीरियाई राष्ट्रपति अहमद अल-शारा ने बुधवार रात को ऐलान किया कि सुवेदा में सेना की वापसी शुरू हो गई है। ड्रूज़ मिलिशिया और बेदुईन कबीलों के बीच झड़प बढ़ गई थी, जिसके बाद सेना को हस्तक्षेप करना पड़ा। सरकार ने ड्रुज समूहों के साथ युद्ध विराम का ऐलान किया।
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अल-शारा ने इजरायल पर सीरिया को अराजकता में धकेलने का आरोप लगाया। अमेरिका ने बढ़ते तनाव पर चिंता जताई थी और युद्ध विराम के लिए कोशिश करने का दावा किया। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने तुर्की के विदेश मंत्री से बात की। अब अमेरिका का दावा है कि सभी पक्षों ने अब तनाव कम करने के लिए कदम उठाने की सहमति दी है।