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20 महीने से तल्ख भारत-कनाडा के रिश्ते, अब सुधरेंगे? इनसाइड स्टोरी

18 जून 2023 को खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या हुई थी। कनाडा के तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने दावा किया था कि इस हत्याकांड में भारत का हाथ है। तब से लेकर अब तक, कनाडा और भारत के संबंधों में तल्खी आ गई।

PM Narendra Modi in Canada

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी। (Photo Credit: Narendra Modi/X)

कनाडा के पीएम मार्क कार्नी ने कहा है कि जिन मामलों से दोनों देश मिलकर निपटेंगे, उनमें अंतरराष्ट्रीय दमन और आतंकवाद शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक को सार्थक बताया है। उन्होंने कहा है कि पीएम मार्क कार्नी के साथ मिलकर, वह भारत और कनाडा के बीच दोस्ती को नए सिरे से लिखने के लिए तैयार हैं। कानाडा के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया है कि दोनों देश, एक दूसरे का साम्मान करेंगे, कानून के शासन और संप्रभुता का ख्याल रखेंगे। 

मार्क कार्नी, प्रधानमंत्री, कनाडा:-
भारत 2018 से G7 में शामिल हो रहा है। यह आपके देश और आपके नेतृत्व के महत्व का प्रमाण है। दोनों देश ऊर्जा सुरक्षा से लेकर अर्टिफीशियल इंटेलिजेंस के भविष्य तक कई क्षेत्रों में सहयोग करने पर विचार कर रहे हैं।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'भारत और कनाडा के संबंध काफी महत्वपूर्ण हैं। कनाडा की कई कंपनियों को भारत में निवेश है। भारत के लोगों का भी कनाडा की धरती पर निवेश है। दोनों देशों को मिलकर लोकतंत्र, मानवता को मजबूत करना होगा। मुझे विश्वास है कि पीएम के चुनाव के बाद उनसे पहली बार मिला, उन्हें इस जीत की बधाई। आगे वाले समय में भारत और कनाडा एक साथ प्रगति करेंगे।'


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी:-
मैं भारत को जी-7 में आमंत्रित करने के लिए आपका बहुत आभारी हूं। मैं भाग्यशाली भी हूं कि मुझे 2015 के बाद एक बार फिर कनाडा आने और कनाडा के लोगों से जुड़ने का अवसर मिला है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। पिछले दिनों जी-20 समिट की अध्यक्षता के रूप में भारत ने दुनिया के लिए कई इनिशेटिव लिए थे। जी 7 में उस पर काम करने की दिशा में हम आगे बढ़े।

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क्यों जरूरी है यह वार्ता?

अक्तूबर 2024 से भारत और कनाडा के संबंध बेहद तल्ख हैं। अक्टूबर 2024 से किसी भी देश का एक दूसरे की राजधानी में उच्चायुक्त नहीं है।  भारत ने तत्कालीन उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा और पांच अन्य अधिकारियों को वापस बुला लिया था। कनाडा ने भारत सरकार से अपील की थी कि इन लोगों की डिप्लोमेटिक इम्युनिटी वापस ली जाए, जिससे उनसे हिंसक आपराधिक गतिविधियों के सिलसिले में पूछताछ हो सके।

 

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क्यों बिगड़े थे भारत-कनाडा के संबंध? 

मंगलवार को मार्क कार्नी और प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी के बीच वार्ता सार्थक रही है। भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक स्तर पर संबंध 18 सितंबर, 2023 से ही नाजुक दौर से गुजर रहे हैं। तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाउस ऑफ कॉमन्स में कहा था कि भारतीय एजेंटों ने तीन महीने पहले ब्रिटेन के सरे में खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी थी। 

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नए दौर में कैसे रिश्ते होंगे? 

जस्टिन ट्रूडो से अलग, मार्क कार्नी का भारत के प्रति झुकाव अब तक देखने को मिला है। दोनों देशों के बीच अब संबंध सामान्य हो रहे हैं। कनाडा में 10 लाख से ज्यादा भारतीय मूल के लोग रहते हैं। कनाडा के नए पीएम ने पद संभालने के बाद ही इशारा किया था कि भारत और कनाडा के बीच संबंधों को सामान्य किया जाएगा। खालिस्तान समर्थक लॉबी यह नहीं चाहता कि भरत के साथ कनाडा के बेहतर रिश्ते हों। 

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