चीन के तियानजिन में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनइजेशन (SCO) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की जुगलबंदी छाई रही। तीनों की यह जुगलबंदी ऐसे समय देखने को मिली, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप टैरिफ लगाए जा रहे हैं।
इसे लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जॉन बोल्टन ने ट्रंप की टैरिफ नीति की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि टैरिफ नीति ने भारत को सोवियत संघ से दूर करने और चीन से बढ़ते खतरे से निपटने की सारी कोशिशों को 'धाराशायी' कर दिया है।
जॉन बोल्टन ने X पर कई पोस्ट में ट्रंप की भर-भरकर आलोचना की है। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप की नीतियों ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को जियोपॉलिटिक्स को नया रूप देने का मौका दिया है।
बोल्टन पहले भी कई बार ट्रंप की आलोचना कर चुके हैं। बोल्टन 2018-19 में ट्रंप के पहले कार्यकाल में अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) थे। बाद में उन्होंने ट्रंप की विदेश नीति से नाराज होकर इस्तीफा दे दिया था।
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ट्रंप ने पानी फेर दियाः बोल्टन
बोल्टन ने अपनी एक पोस्ट में लिखा, 'पश्चिम ने दशकों तक भारत को रूस से दूर करने की कोशिश की है और चीन के खतरे को लेकर भी आगाह किया है। डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी विनाशकारी टैरिफ नीति से दशकों की इन कोशिशों पर पानी फेर दिया है।'
उन्होंने कहा कि ट्रंप ने डिप्लोटमैटिक कदमों को स्ट्रैटजिक कंटेक्स्ट में देखने में खास दिलचस्पी नहीं दिखाई, जिसने शी जिनपिंग को पूर्व में समीकरण बदलने का मौका दे दिया।
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ट्रंप का टैरिफ और चीन में तिकड़ी
ट्रंप ने रूसी तेल खरीदने का हवाला देते हुए भारत पर 50% टैरिफ लगा दिया है। इससे भारत और अमेरिका के संबंधों में तनाव आ गया है।
इस बीच 31 अगस्त और 1 सितंबर को चीन के तियानजिन में SCO समिट हुई थी। इस समिट में प्रधानमंत्री मोदी भी शामिल हुए। पीएम मोदी 7 साल बाद चीन गए थे। इस समिट के दौरान पीएम मोदी, शी जिनपिंग और पुतिन के बीच जबरदस्त जुगलबंदी देखने को मिली।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और शी जिनपिंग ने द्विपक्षीय बैठक में वैश्विक व्यापार को स्थिर करने में भारत और चीन की भूमिका पर चर्चा की। वहीं, पुतिन से बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने भारत और रूस के मजबूत रिश्तों पर जोर दिया और कहा कि दोनों देश हमेशा कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे हैं।