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बलूचिस्तान और PoK अलग हो गए तो? पाकिस्तान को कितना होगा नुकसान

भारत और पाकिस्तान में तनाव बढ़ गया है। यह तनाव तब बढ़ा है जब पाकिस्तान के बलूचिस्तान और PoK में हालात खराब हैं। ऐसे में जानते हैं कि अगर बलूचिस्तान और PoK अलग हो गए तो पाकिस्तान पर क्या असर पड़ सकता है?

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प्रतीकात्मक तस्वीर। (AI Generated Image)

पाकिस्तान अब उकसाने वाली हरकतें कर रहा है। गुरुवार रात से ही पाकिस्तान की सेना लगातार हमले कर रही है। पाकिस्तानी सेना ड्रोन और मिसाइल से सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश कर रही है, जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया। इसके साथ ही पाकिस्तान की सेना LoC पर भी सीजफायर भी तोड़ रही है, जिसका भारतीय सेना मुंहतोड़ जवाब दे रही है।


दरअसल, पाकिस्तान की सेना 'ऑपरेशन सिंदूर' से बौखला गई है। भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च कर पाकिस्तान और PoK में बने 9 आतंकी ठिकानों को उड़ा दिया था। भारत ने साफ किया था कि ऑपरेशन के दौरान किसी सैन्य या नागरिक ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया है, सिर्फ आतंकी ठिकानों को ही तबाह किया गया है। फिर भी पाकिस्तान माना नहीं और उसने भारत पर हमला करने की कोशिश की है। 


अभी भारत और पाकिस्तान के बीच जिस तरह का तनाव है, उसने दोनों को एक और जंग की ओर धकेल दिया है। 


पाकिस्तान ने भारत का साथ जंग पर तब उतारू है, जब वह खुद अंदरूनी चुनौतियों से जूझ रहा है। पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत बलूचिस्तान उससे अलग होना चाहता है। बलूचिस्तान के विद्रोही गुट आए दिन पाकिस्तानी सेना को निशाना बना रहे हैं। और तो और, कश्मीर के जिस हिस्से पर पाकिस्तान ने अवैध तरीके से कब्जा कर लिया था, वहां के लोग भी परेशान हैं। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में भी लोग वहां की सरकार से आजादी मांग रहे हैं। PoK में भी आए दिन पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन होते रहते हैं।

 

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क्यों आजादी मांग रहे बलूचिस्तान-PoK?

बलूचिस्तान वह प्रांत है, जिसे पाकिस्तान ने धोखे से अपने में मिला लिया था। वहीं, कश्मीर के एक हिस्से पर पाकिस्तान जबरन कब्जा करके बैठा है। आजादी के बाद पाकिस्तान की सेना ने कबाइलियों से हमला करवा दिया और फिर कब्जा कर लिया। आलम यह है कि दोनों लंबे वक्त से आजादी मांग रहे हैं।


बलूचिस्तान में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) समेत कई ऐसे संगठन हैं, जो पाकिस्तान से आजादी की लड़ाई लड़ रहे हैं। बलूचों का आरोप है कि पाकिस्तान की सरकार और सेना उनके संसाधनों पर कब्जा कर रही है। वहीं, PoK के लोग भी सरकार और सेना से परेशान है। पिछले साल मई में PoK में सरकार और सेना के खिलाफ बहुत बड़ा प्रदर्शन हुआ था। लोगों ने सरकार पर PoK का मिलिटराइजेशन करने का आरोप लगाया है। 

 

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अगर अलग हुए तो PAK को क्या नुकसान होगा?

  • भौगोलिक नुकसानः बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है। यह 3.47 लाख वर्ग किमी में फैला है। पाकिस्तान का 44% जमीनी इलाका बलूचिस्तान में ही आता है। वहीं, PoK 90,972 वर्ग किमी में है। आजाद जम्मू-कश्मीर 13,297 वर्ग किमी और गिलगित-बल्टिस्तान 72,495 वर्ग किमी में है। दोनों के अलग होने से पाकिस्तान का 54% से ज्यादा इलाका कम हो जाएगा।
  • आर्थिक नुकसानः बलूचिस्तान प्राकृतिक संसाधनों से भरा हुआ है। यहां गैस और कोयले के भंडार हैं। पाकिस्तान को गैस की सबसे ज्यादा आपूर्ति यहीं से होती है। चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) भी यहीं से गुजरता है, जिसमें चीन ने 46 अरब डॉलर लगाया है। वहीं, PoK बहुत खूबसूरत है और यहां कई पर्यटन स्थल हैं। बलूचिस्तान की GDP 20 अरब डॉलर और PoK की 6.6 अरब डॉलर के आसपास है।
  • सैन्य नुकसानः बलूचिस्तान की सीमा अफगानिस्तान और ईरान से लगती है। इसके अलग होने से पाकिस्तान पश्चिमी सीमा पर कमजोर पड़ जाएगा। वहीं, PoK के अलग होने से भारत उसके और करीब आ जाएगा। कुल मिलाकर पाकिस्तान बुरी तरह से हर तरफ से घिर जाएगा।

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टुकड़े-टुकड़े हो जाएगा पाकिस्तान!

बलूचिस्तान और PoK के अलग होने से पाकिस्तान के पास बस पंजाब, सिंध और खैबर पख्तूनख्वाह ही बचेगा। बलूचिस्तान और PoK रणनीतिक लिहाज से काफी अहम है। ऐसे में पाकिस्तान की स्थिति बहुत कमजोर हो जाएगी। इन दोनों के अलग होने से न सिर्फ पाकिस्तान का 54% जमीनी इलाका चला जाएगा, बल्कि 20-30% प्राकृतिक संसाधन भी चले जाएंगे। 


और तो और चीन के साथ पाकिस्तान की दोस्ती भी कमजोर हो सकती है। चीन का CPEC बलूचिस्तान से होकर गुजर रहा है। बलूचिस्तान के लोग इसका विरोध करते हैं। उनका कहना है कि चीन उनके संसाधनों का इस्तेमाल कर रहा है। बलूचिस्तान के अलग होने से चीन का यह प्रोजेक्ट बंद हो सकता है। 


इतना ही नहीं, पाकिस्तान पहले से ही बुरी तरह से कर्ज में फंसा हुआ है। उसे 2025-26 में 26 अरब डॉलर का कर्ज चुकाना है। बलूचिस्तान और PoK के अलग होने से उसके रेवेन्यू पर असर पड़ेगा और कर्ज चुकाने में दिक्कत आएगी। कुल मिलाकर अगर ऐसा हुआ तो पाकिस्तान के बुरे दिन आने से कोई नहीं रोक सकता।

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