अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प हर दिन दुनिया के सामने दावा कर रहे हैं कि उनकी वजह से परमाणु शक्ति संपन्न भारत और पाकिस्तान ने जंग टाल दी थी। 10 मई को उन्होंने दावा किया था कि भारत और पाकिस्तान पर उन्होंने दबाव बनाया तो दोनों देशों ने जंग टाल दी। अब पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ने उनसे व्हाइट हाउस में मुलाकात की तो उन्होंने नया राग छेड़ दिया।
बुधवार को उन्होंने व्हाइट हाउस के साउथ लेन में एक इवेंट के दौरान फिर कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच छिड़ी जंग रोक दी। उनके करीबी अधिकारी तो यहां तक दावा कर रहे हैं कि पाकिस्तानी सैन्य प्रमुख ने उनके लिए शांति का नोबल पुरस्कार मांगा है।
डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर खुद को शांतिदूत के तौर पर पेश किया। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर पर कहा, 'मुझे लगता है कि इस पर एक भी खबर नहीं लिखी गई, लेकिन कोई बात नहीं, लोग जानते हैं मैंने जंग रोक दी थी।' डोनाल्ड ट्रम्प बार-बार दावा करते हैं कि वे यूक्रेन-रूस की जंग रोकना चाहते हैं, इजरायल और हमास की जंग रोकना चाहते हैं। वह ईरान और इजरायल के जंग को रोकने की भी बात कर रहे हैं लेकिन ईरान पर उनके तेवर बेहद सख्त हैं। विश्व शांति की अपील करने वाले ट्रम्प ने अपने फाइटर प्लेन मिडिल ईस्ट में उतार दिए हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प:-
मैंने भारत और पाकिस्तान के बीच जंग रोक दी। दोनों देशों के नेताओं ने मेरे साथ मिलकर काम किया। मैंने दो परमाणु शक्तियों के बीच युद्ध रोका लेकिन मीडिया ने इसकी कोई खबर नहीं छापी।
असीम मुनीर ने ट्रम्प के लिए मांगा नोबल पुरस्कार, वजह क्या है
व्हाइट हाउस की डिप्टी प्रेस सेक्रेटरी अन्ना केली ने कहा है कि असीम मुनीर ने ट्रम्प को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने की सिफारिश की। असीम मुनीर ऐसा इसलिए चाहते हैं क्योंकि उन्होंने दक्षिण एशिया में परमाणु युद्ध को रोका। असीम मुनीर, ट्रम्प से अनौपचारिक तौर पर मिले हैं। मध्य पूर्व में पनप रहे तनाव के बीच इस मुलाकात को अहम माना जा रहा है।
हर बार गलत दावा करते हैं ट्रम्प
डोनाल्ड ट्रम्प बार-बार दावा करते हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच जंग रोकने के लिए व्यापार खत्म करने की धमकी दी, जिससे डरकर भारत ने जंग रोक दी। उनकी इस बात को भारत पहले दिन से खारिज करता रहा है। भारत का कहना है कि यह फैसले, सिर्फ द्विपक्षीय था।
ट्रम्प के दावों को भारत ने एक सिरे से किया खारिज
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने गुरुवार को कहा था, 'भारत ने कभी भी अपने द्विपक्षीय मामलों में मध्यस्थता स्वीकार नहीं की, न अब करेगा, न भविष्य में।' मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रम्प के बीच करीब 35 मिनट तक बात हुई है। बातचीत में पीएम मोदी ने डोनाल्ड ट्रम्प को उनके मध्यस्थता वाले दावे पर टोका और कहा कि भारत, व्यापार की शर्त पर आतंकवाद के खिलाफ लिए जा रहे एक्शन से पीछे नहीं हटता है।