कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और पाकिस्तान सेना के फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की मुलाकात भारत के लिए बड़ा झटका है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि वे साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया की अपनी तीन देशों की यात्रा से लौटते ही तुरंत सर्वदलीय बैठक बुलाएं।
कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ फोन पर हुई बातचीत में इस मुलाकात पर भारत की नाराजगी जाहिर करनी चाहिए थी। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, 'अगर इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री होतीं, तो वे अमेरिकी राष्ट्रपति कोई भी हो, अपनी नाराजगी जरूर जतातीं।'
जयराम रमेश, कांग्रेस महासचिव:-
यह भारतीय कूटनीति के लिए तिहरा झटका है। आज फील्ड मार्शल मुनीर, जिनके भड़काऊ बयानों ने पहलगाम आतंकी हमले की पृष्ठभूमि तैयार की है, उसके साथ ट्रम्प लंच करेंगे। एक सैन्य अधिकारी जो सरकार का प्रमुख नहीं है, उसे ट्रम्प ने मिलने के लिए बुलाया है। यह भारत के लिए बड़ा झटका है।
'पाकिस्तान साझेदार नहीं, अपराधी है'
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, 'दूसरा झटका तब लगा जब अमेरिकी सेंट्रल कमांड के प्रमुख जनरल माइकल कुरिल्ला ने पाकिस्तान को आतंकवाद विरोधी अभियानों में 'शानदार साझेदार' बताया। यह वही पाकिस्तान है जिसने ओसामा बिन लादेन को पनाह दी थी, जिसे 2 मई 2011 को एबटाबाद में मारा गया। पाकिस्तान को साझेदार कहना गलत है, वह तो अपराधी है।'
ट्रम्प और भारत के दावे अलग-अलग क्यों?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रम्प से फोन पर हुई बातचीत में 'ऑपरेशन सिंदूर' के बारे में बताया था और कहा था कि पाकिस्तान पर हमले इस्लामाबाद के अनुरोध पर रोके गए, न कि अमेरिका के साथ किसी व्यापार सौदे की वजह से। कांग्रेस ने विदेश मंत्रालय के दावे पर ही सवाल उठाते हुए कहा है कि ट्रम्प तो बार-बार पीएम क गलत साबित कर रहे हैं।
कांग्रेस क्यों चाहती है सर्वदलीय बैठक?
अलग बात है कि इसके कुछ घंटों बाद ट्रम्प ने दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रोका। कांग्रेस ने इस पूरे घटनाक्रम पर पीएम मोदी से स्पष्ट जवाब और कार्रवाई की मांग की है। कांग्रेस ने सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है।