'मेरी मेहरबानी है अली खामेनई की जिंदगी,' डोनाल्ड ट्रम्प का बड़ा दावा
दुनिया
• WHITE HOUSE 28 Jun 2025, (अपडेटेड 28 Jun 2025, 9:26 AM IST)
एक तरफ आयतुल्लाह अली खामेनेई, अमेरिका पर जीत का जश्न मना रहे हैं, दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दावा किया है कि उन्होंने सुप्रीम लीडर को भयानक मौत से बचा लिया है। क्या है पूरा मामला, पढ़ें।

डोनाल्ड ट्रम्प और आयतुल्लाह अली खामेनई। (Photo Credit: Sora ChatGPT)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि उन्होंने 12 दिन के युद्ध में इजरायल के साथ मिलकर ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामेनई की जान बख्शी, वरना उनकी भद्दी और शर्मनाक मौत हो सकती थी। डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर दावा किया कि अली खामेनई की जिंदगी, उनकी मेहरबानी की वजह से बची है। उन्होंने आयतुल्लाह अली खामेनई के इजरायल के खिलाफ जीत के दावे को झूठा बताया है और कहा कि वह एक धार्मिक व्यक्ति हैं, इसलिए उन्हें झूठ नहीं बोलना चाहिए।
डोनाल्ड ट्रम्प ने दावा किया कि अमेरिकी बम वर्षक विमानो की वजह से ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान जैसे तीन परमाणु केंद्र तबाह हो गए, फिर भी कैसे वह इसे जीत बता सकते हैं। डोनाल्ड ट्रम्प ने यहां तक दावा किया कि उन्हें पता है कि खामेनई कहां छिपे हैं, लेकिन उन्होंने इजरायल और अमेरिकी सेना को उनकी जान लेने से रोक दिया।
'खामेनई ही नहीं, ईरानियों की भी ट्रम्प ने बख्शा'
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि आयतुल्लाह अली खामेनई को 'धन्यवाद राष्ट्रपति ट्रम्प' कहने की जरूरत नहीं है। उन्होंने यह भी दावा किया कि युद्ध के आखिरी दिन, उन्होंने इजरायल को तेहरान पर बड़े हमले के लिए भेजे गए विमानों को वापस बुला लिया। इस फैसले का असर यह हुआ कि ईरान में होने जा रही भीषण तबाही रुक गई और कई ईरानी नागरिकों की जिंदगी बच गई।
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डोनाल्ड ट्रम्प, राष्ट्रपति, अमेरिका
ईरान के तथाकथित 'सुप्रीम लीडर' आयतुल्लाह अली खामेनई ने क्यों बेशर्मी से मूर्खों की तरह दावा किया कि उन्होंने इजराइल के साथ युद्ध जीत लिया, जबकि वे जानते हैं कि यह झूठ है? एक धार्मिक व्यक्ति के रूप में, उन्हें झूठ नहीं बोलना चाहिए। उनका देश तबाह हो चुका है, उनके तीन खतरनाक परमाणु ठिकाने नष्ट कर दिए गए। मुझे ठीक पता था कि वे कहां छिपे थे, फिर भी मैंने इजराइल या दुनिया की सबसे ताकतवर अमेरिकी सेना को उनकी जान लेने से रोका। मैंने उन्हें एक भयानक और अपमानजनक मौत से बचाया और उन्हें 'धन्यवाद, राष्ट्रपति ट्रम्प' कहने की जरूरत नहीं है। जंग के आखिरी दिन, मैंने इजराइल को तेहरान पर हमला करने वाली कई विमानों की टुकड़ी को वापस बुलाने का आदेश दिया। यह एक बड़ा हमला होता, शायद अंतिम प्रहार। इससे भारी नुकसान होता और कई ईरानी मारे जाते।
'दुश्मनी छोड़ें खामेनई, नरमी से काम लें'
डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान को हिदायत दी है कि वह दुश्मनी छोड़ दें। वह नरमी से पेश आएं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि ईरान की सैन्य और आर्थिक स्थिति खराब है, अगर वह नहीं सुधरा तो उसका अंजाम और बुरा होगा।
डोनाल्ड ट्रम्प:-
मैं पिछले कुछ दिनों से प्रतिबंध हटाने और अन्य चीजों पर काम कर रहा था, ताकि ईरान तेजी से ठीक हो सके, प्रतिबंध बहुत कड़वे हैं। इसके बजाय, मुझे गुस्सा, नफरत और घृणा भरा बयान मिला, जिसके बाद मैंने प्रतिबंध हटाने का सारा काम रोक दिया। ईरान को विश्व व्यवस्था में शामिल होना होगा वरना हालात और बिगड़ेंगे। उनकी हमेशा गुस्सैल, शत्रुतापूर्ण और दुखी सोच ने उन्हें क्या दिया? एक तबाह देश, कोई भविष्य नहीं, बर्बाद सेना, खराब अर्थव्यवस्था और चारों तरफ मौत। उनके पास कोई उम्मीद नहीं, और हालात और खराब होंगे। काश ईरान का नेतृत्व समझता कि शहद से ज़्यादा मिलता है, सिरके से नहीं।
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'खामेनई की वजह से ईरान पर जारी रहेगा प्रतिबंध'
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि युद्ध विराम के बाद वह सोच रहे थे कि ईरान पर लगे प्रतिबंधों को हटा दें, जिससे देश जल्दी से युद्ध की त्रासदी से उबर सके लेकिन खामेनई के रुख की वजह से उन्होंने यह फैसला टाल दिया। उन्होंने कहा कि ईरान को वैश्विक व्यवस्था में शामिल होना होगा, वरना हालात बदतर होंगे।
ट्रम्प के बयान पर ईरान के विदेश मंत्री ने क्या कहा?
ईरान के विदेश मंत्री सेयद अब्बाद अराघची ने X पर लिखा, 'ईरानी लोगों ने दुनिया को दिखाया कि इजरायली शासन को उनकी मिसाइलों से बचने के लिए अमेरिका की मदद लेनी पड़ी। हम लोग धमकियों और अपमान को बर्दाश्त नहीं करते है। ईरानी लोग अपनी संस्कृति के लिए मशहूर हैं। उनकी सोच सरल और स्पष्ट है। ईरान अपनी कीमत जानता है और अपनी आजादी को अहमियत देता है। कोई भी उनका भविष्य तय नहीं कर सकता। अगर डोनाल्ड ट्रम्प समझौते के लिए गंभीर हैं तो उन्हें ईरान के सुप्रीम लीडर के प्रति अपमानजनक और अस्वीकार्य लहजे को छोड़ना होगा।'
इजरायल ने क्या कहा?
इजरायल के रक्षामंत्री काट्ज ने कहा कि युद्ध के दौरान उनकी योजना खामेनई को मारने की थी, लेकिन मौका नहीं मिला क्योंकि खामेनई गहरे बंकरों में छिप गए और अपने कमांडरों से संपर्क तोड़ लिया।
आयतुल्लाह खामेनई क्या कह रहे हैं?
आयतुल्लाह खामेनई ईरान की जीत का जश्न मना रहे हैं। उनका कहना है कि इजरायल घुटनों पर आ गया था। इजरायल की तबाही देखकर ही अमेरिका को जंग में उतरना पड़ा लेकिन उन्हें हासिल कुछ भी नहीं हुआ। अयातुल्ला अली खामेनई ने गुरुवार को एक बयान में ईरान की अमेरिका पर जीत की बधाई दी थी। उन्होंने कहा कि अमेरिका को युद्ध में सीधे उतरना पड़ा क्योंकि इजरायल पूरी तरह तबाह होने की कगार पर था। खामेनई ने दावा किया कि अमेरिका ने इजरायल को बचाने की कोशिश की, लेकिन वह कुछ हासिल नहीं कर सका।
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