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क्या समोसा और जलेबी सच में है जंक फूड? डाइटिशियन से समझें

देश में समोसा और जलेबी चर्चा का विषय बना हुआ। ये दोनों चीजें जंक फूड कैटेगरी में आती है। आइए जानते हैं इन चीजों को लगातार खाने से सेहत पर क्या प्रभाव पड़ता है।

samosa and jalebi

समोसा और जलेबी (Photo Credit: Freepik)

वह दिन दूर नहीं जब प्रोसेस्ड फूड और शुगर वाली चीजें सरकारी चेतावनी के साथ मिलेगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में प्रोपजल दिया है कि बाहर में मिलने वाले समोसे जलेबी और खाने पीने की अन्य चीजों को लेकर बोर्ड लगाना होगा कि उस समान में कितनी मात्रा में शुगर है? कितनी मात्रा में फैट है। हर कैफेटेरिया में बोर्ड होगा जिस पर इन सभी चीजों की स्टीक जानकारी होगी। उदाहरण के लिए समोसे में अधिक मात्रा में ट्रांस फैट होता है जबकि 1 गुलाब जामुन 3 चम्मच चीनी के बराबर है। सरकार इस तरह के कदम को भारत में मोटापे के संकट को देखते हुए ले रही है। 

 

समासे और जलेबी को लेकर खूब चर्चा हो रही है। ऐसे में दिमाग में सवाल आता है कि क्या होता है जंक फूड? क्या सच में समोसा और जेलबी जंक फूड की कैटेगरी में आता है? हमने इस बारे में जयपुर, न्यूट्रीप्लस की डायरेक्टर और सीनियर क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट डॉक्टर अंजलि फाटक  से बात की।

 

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क्या होता है जंक फूड

जंक का मतलब हाई कैलोरी फूड है जिसमें अधिक मात्रा में रिफाइंड कॉर्ब्स, अधिक मात्रा में चीनी और अधिक मात्रा में नमक होता है। इन चीजों में प्रोटीन, फाइबर और विटामिन की मात्रा जीरो होती है। प्रोसेस्ड, शुगर, कैफिनेटेड, ड्रीप फ्राई फूड इन सभी चीजों को मिलाकर जंक फूड कहा जाता है। पिज्जा और बर्गर में मैदा, रिफाइंड कार्ब्स, अधिक मात्रा में नमक और स्वाद बढ़ाने के लिए तरह तरह के फूड कलर का इस्तेमाल किया जाता है।- क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट डॉक्टर अंजलि फाटक , जयपुर

 

 

समोसा और जलेबी होता है जंक फूड

भारत के कई राज्यों में समोसा और जलेबी का नाश्ता किया जाता है। हालांकि यह दोनों ही चीजें स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद नहीं होती है। दोनों को अधिक मात्रा में खाने से सेहत को नुकसान पहुंचता है। इन दोनों ही चीजों में ट्रांस फैट, अधिक मात्रा में शुगर और रिफाइंड कार्ब्स मौजूद होता है। इनमें प्रोटीन की मात्रा जीरो है। ये सभी क्वॉलिटी जंक फूड की ही है।

 

बाहर के खाने में लो क्वॉलिटी का पॉम ऑयल इस्तेमाल होता है। एक ही तेल में उन चीजों को बार बार तलकर बनाया जाता है जिस वजह से इन चीजों में ट्रांस फैट की मात्रा अधिक होती है। इसी वजह से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि यही तेल आपकी नसों को ब्लॉक कर देता है।

क्यों बढ़ रहा है मोटापा

पहले लोग कभी कभी बाहर की चीजों का सेवन करते थे। अब क्या हो गया बच्चे भी स्कूल में टिफिन की जगह पर कैंटीन में खाना पसंद करते हैं। ऑफिस जाने वाले लोग लंच भी बाहर करते हैं। शाम में भूख लगी तो बाहर का खा रहे हैं। उदाहरण के लिए समोसे के साथ कोक पी रहे हैं। पिज्जा के साथ कोक पी रहे हैं। किसी भी वक्त खा रहे हैं और ना ही किसी तरह का कोई वर्कआउट कर रहे हैं इन कारणों से वजन तेजी से बढ़ता है।- सीनियर क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट डॉक्टर अंजलि

डॉक्टर अंजलि ने कहा, 'बाहर की जगह घर पर समोसा बनाएं। आप समोसे की कवरिंग में मैदे की बजाय मिलेट्स का इस्तेमाल करें। आलू की जगह पर सब्जियों, कॉर्न और पनीर के मसाले का इस्तेमाल कर सकते हैं। कभी कभी खाने से सेहत को नुकसान नहीं पहुंचता है। कम मात्रा में खाएं लेकिन किसी भी चीज की अति आपके सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है'।

 

रिपोर्ट के मुताबिक 2050 तक 44.9% लोग मोटापे से ग्रस्त हो सकते हैं। हर 5 में से 1 व्यक्ति ओवरवेट का शिकार है। सिर्फ बड़े ही नहीं बच्चों में भी मोटापे का खतरा बढ़ता जा रहा है। मोटापे की वजह से हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज और डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा हैं। 

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यक्रम में भी कहा था मोटापा एक लाइलाज बीमारी बनता जा रहा है। उन्होंने अपने शो में कहा था कि रिफाइंड की जगह पर सरसों के तेल में खाना पकाएं। साथ ही कहा था कि खाने को कम से कम तेल में पकाए ताकि आप बीमारियों से दूर रहें।

वजन को नियंत्रित कैसे रखें

  • वजन को नियंत्रित रखने के लिए सबसे पहले बाहर की तली भूनी चीजों का सेवन कम कर दें।
  • बाहर का जंक फूड की बजाय हेल्दी चीजों का सेवन करें। नाश्ते में आप पोहा और उपमा जैसी चीजें खा सकते हैं।
  • रोजाना 30 से 40 मिनट वर्कआउट करें।
  • रोजाना 8 से 9 घंटे की पर्याप्त नींद लें।
  • बैलेंस डाइट खाएं जिसमें प्रोटीन, फाइबर, कॉर्ब्स, हेल्दी फैट सभी चीजें मौजूद हो।

 

 

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