• NEW DELHI
28 Mar 2025, (अपडेटेड 28 Mar 2025, 9:01 AM IST)
पंजाब से लेकर हिमाचल प्रदेश तक में चिट्टा का कारोबार फैला है। पंजाब इस नशे बुरी तरह प्रभावित है, वहीं अब हिमाचल प्रदेश का हाल भी बुरा है। इसके अलावा कई दूसरे तरह के नशे भी युवाओं को अपनी जद में ले रहे हैं।
AI Generated Image. (Photo Credit: Grok AI)
पंजाब सरकार ने 'नशे' की जद में आए लोगों की गिनती के लिए 150 करोड़ रुपये का बजट वित्त वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्तावित किया है। पाकिस्तान के साथ 574 किलोमीटर की सीमा साझा करने वाले पंजाब में नशे का कारोबार फल-फूल रहा है। युवाओं की एक बड़ी संख्या नशे की गिरफ्त में है, जिसे लेकर केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक परेशान है। मुख्यमंत्री भगवंत मान खुद इसकी निगरानी कर रहे हैं लेकिन 'उड़ता पंजाब' संभल नहीं रहा है।
पंजाब का शायद ही कोई जिला ऐसा हो जहां की एक बड़ी आबादी नशे का शिकार न हो। स्मैक, हेरोइन, चूरा पोस्त, अफीम और चिट्टे की तस्करी इतनी आम हो गई है कि पुलिस और नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के लिए इसे संभाल पाना मुश्किल हो गया है। खुद भगवंत मान यह कह चुके हैं कि अगर ऐसे ही हालात रहे तो नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस एक्ट 1985 को संशोधित करने की जरूरत पड़ेगी, जिसके लिए पंजाब सरकार, केंद्र सरकार से बात करेगी।
नशे की जद में भारत के 10 बड़े राज्य और दर्ज FIR की संख्या
पंजाब 7433
उत्तर प्रदेश 4920
तमिलनाडु 2590
राजस्थान 2428
मध्य प्रदेश- 2169
ओडिशा 1827
हरियाणा- 1612
महाराष्ट्र 1544
असम- 1509 कर्नाटक- 1229
केंद्र शासित प्रदेशों का हाल जम्मू-कश्मीर 1443 दिल्ली 383 (आंकड़े: NCRB)
पंजाब पुलिस ने NDPS एक्ट के तहत 2136 FIR हाल के दिनों में दर्ज की है, वहीं 3,816 ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। पंजाब सरकार के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने विधानसभा में बजट पेश करते हुए बुधवार को विधानसभा में कहा था कि सरकार BSF के साथ मिलकर, क्रॉस बॉर्डर चेकिंग पर जोर देगी, नॉर्कोटिक्स और हथियारों की स्मगलिंग पर नजर रखी जाएगी।
मेफोड्रोन एक नशीला पदार्थ है, जिसे एम्फेटामाइन और कैथिनोन जैसे रसायनों से तैयार किया जाता है। यह 'म्याऊ म्याऊ', एम-कैट और ड्रोन जैसे नामों से भी बिक रहा है। इस ड्रग को ज्यादातर सफेद पाउडर या क्रिस्टल के तौर पर बेचा जा रहा है। कुछ लोग इसे नाक से सूंघकर अंदर खींचते हैं, कुछ लोग निगलते हैं और कुछ लोग इसे इंजेक्शन के जरिए ले रहे हैं। यह बेहद उत्तेजक दवाइयों में शुमार है। अगर इसका ओवर डोज हो जाए तो नाक से खून आ सकता है या पागलपन का दौरा पड़ सकता है। इसे मेफोड्रोन को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस एक्ट के तहत प्रतिबंधित किया गया है।
चिट्टा क्या है? पंजाब और हिमाचल जैसे राज्यों में सफेद ड्रग को चिट्टा कहा जा रहा है। आम भाषा में हेरोइन और दूसरे सिंथेटिक ड्रग को लोग चिट्टा कहते हैं। पंजाबी भाषा में चिट्टा का मतलब सफेद होता है। अब मेथाम्फेटामइन, एमडीएमए और एलएसडी जैसे ड्रग को भी चिट्टा कहा जा रहा है। पंजाब की सरकार भी मानती है कि चिट्टे की जद में सूबे के युवा आ रहे हैं। अब हिमाचल प्रदेश तक इसकी आंच फैल गई है। इसका एडिक्शन के शिकार लोगों का रिहैबिलेशन से बाहर आ पाना मुश्किल होता है।
पंजाब में 'युद्ध नशे के विरुद्ध' अभियान का क्या हुआ? पंजाब की भगवंत मान सरकार ने 1 मार्च को एक कैंपेन की शुरुआत की थी, 'युद्ध नशे के विरुद्ध।' 26 दिनों में 4114 तस्कर गिरफ्तार हुए हैं। पंजाब पुलिस हर दिन तस्करों और नशे के कारोबारियों के खिलाफ ऐक्शन ले रही है। 26 मार्च को 483 जगहों पर छापेमारी की गई है। 77 नशा तस्कर सिर्फ 26 मार्च को ही गिरफ्तार किए गए हैं। 55 FIR दर्ज हुई है। 1.1 किलोग्राम हिरोइन जब्त की गई है।
26 दिनों में 4114 तस्कर गिरफ्तार हुए हैं। 301 ग्राम अफीम, ₹13,570 नशे की कमाई जब्त की गई है। दिनभर में 200 से ज्यादा पुलिस टीमें, 101 एसपी और डीएसपी रैंक के अधिकारियों ने कैंपेन चलाया है। 531 संदिग्ध व्यक्तियों की जांच हुई है। राज्य में 114 जागरूकता अभियान चलाया गया है।