फेसबुक, इंस्टाग्राम या यूट्यूब शॉर्ट्स, शायद ही ऐसा कोई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हो जहां अडल्ट कंटेंट की बाढ़ न आई हो। अश्लील, पोर्नोग्राफिक और बोल्ड कंटेंट के बढ़ते ब्रॉडकॉस्टिंग के बीच सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने OTT प्लेटफॉर्म्स को चेतावनी दी है।
मंत्रालय ने कहा है कि ऐसे कंटेंट जो कानून की ओर से प्रतिबंधित हैं, उन्हें प्रसारित न किया जाए। बुधवार को OTP प्लेटफॉर्म और सेल्फ रेग्युलेटर बॉडीज को दी गई एक सलाह में मंत्रालय ने IT रूल 2021 का पालन करने का निर्देश दिया है।
IT नियमों में कहा गया है कि उम्र को ध्यान में रखते हुए ही कंटेंट प्रसारित किए जाएं। मंत्रालय ने कहा है कि सांसदों, विभागों और ऑनलाइन क्यूरेटेड कंटेंट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अश्लील, पोर्नोग्राफिक और बोल्ड कंटेंट के बारे में सार्वजनिक तौर पर शिकायतें मिली हैं।
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IT मंत्रालय ने क्या कहा?
मंत्रालय ने कहा, 'OTT प्लेटफॉर्म कंटेंट को जारी करने से पहले IT रूल 2021 के तहत निर्धारित गाइडलाइंस का पालन करें। बच्चों को ऐसे कंटेंट न परोसें। आयु आधारिक वर्गीकरण का ध्यान रखें। बच्चों तक ऐसी सामग्री पहुंचने से रोकने के लिए 'A' रेटेड कंटेंट पर नियंत्रण करना चाहिए।'
मंत्रालय ने यह भी कहा है कि OTT के लिए नियम-कानून बनाने वाली स्वायत्त संस्थाएं भी इस पर ध्यान दें। IT रूल का कड़ाई से पालन करें।
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भारत में ऑनलाइन अश्लीलता से जुड़े कानून क्या हैं?
भारत में ऑनलाइन अश्लील सामग्री प्रकाशित या प्रसारित करने पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 67 लागू होती है। इस धारा के तहत 3 साल की कैद हो सकती है और 5 लाख जुर्माना देना पड़ सकता है। IT एक्ट की धारा 67ए इलेक्ट्रॉनिक सेक्सुअल कंटेंट प्रकाशित करने के संबंध में हैं। धारा 67बी में बच्चों से जुड़े यौन दृश्यों के संबंध में नियम-कानून तय किए गए हैं।