KIIT सुसाइड केस के बारे में सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं
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• BHUBANESWAR 18 Feb 2025, (अपडेटेड 18 Feb 2025, 11:32 AM IST)
KIIT में नेपाल से आए करीब 500 छात्र पढ़ाई करते हैं। यूनिवर्सिटी कैंपस में उनकी एंट्री बैन की गई है। छात्र प्रकृति लम्साल के लिए इंसाफ मांग रहे हैं। अब नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली की भी घटनाक्रम पर नजर है।

KIIT सुसाइड केस पर छात्रों का प्रदर्शन। (Photo Credit- X/Neetesh_k07)
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) की स्टूडेंट प्रकृति लम्साल की मौत से जुड़े मामले में दुख जाहिर किया है। उन्होंने नेपाल दूतावास के दो अधिकारियों को उन छात्रों की काउंसलिंग के लिए भेजा है, जिन्हें प्रकृति की मौत के बाद KIIT यूनिवर्सिटी से निकाल दिया गया।
प्रकृति लम्साल, KIIT यूनिवर्सिटी से बीटेक की पढ़ाई कर रही थीं। थर्ड ईयर स्टूडेंट की खुदकुशी पर भारत से लेकर नेपाल तक में हंगामा बरपा है। प्रकृति अपने कमरे में मृत पाई गई थीं। कहा गया कि उन्होंने आत्महत्या कर ली। प्रकृति के चचेरे भाई ने पुलिस में शिकायत दी कि उसके बहन को एक छात्र ने ब्लैकमेल किया था, जिसकी वजह से उसने हत्या की।
पुलिस ने आरोपी छात्र को गिरफ्तार कर लिया है। प्रकृति लम्साल ने आत्महत्या की है या उनकी हत्या हुई है, पुलिस इस नजरिए से भी केस की पड़ताल कर रही है। मृत छात्रा के मोबाइल फोन और लैपटॉप को जब्त कर लिया है। जिस रूम में वह मृत पाई गई थीं, उसे सील किया गया है। सैंपल जुटाए गए हैं और फोरेंसिक जांच के लिए सैंपल भेजे गए हैं।
छात्रों की मांगें क्या हैं?
KIIT में नेपाली छात्र प्रकृति लम्साल की मौत पर इंसाफ मांग रहे हैं। उन्होंने कैंपस में इस आत्महत्या पर सवाल उठाए तो कैंपस में तनाव भड़क गया। नेपाली छात्रों का कहना है कि उनके साथ भेदभाव हो रहा है, उन पर दबाव बनाया जा रहा है। छात्रों ने कहा कि इस खुदकुशी की जवाबदेही तय हो। वे विश्वविद्याल प्रशासन और स्थानीय छात्रों के रवैये से परेशान हैं।
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नेपाली छात्र क्या कह रहे हैं?
नेपाली से पढ़ने आए एक छात्र राजन गुप्ता ने ANI से बातचीत में कहा, 'हम प्रकृति की मौत को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। हमें अचानक से कैंपस से हटने के लिए कहा गया। हमें नहीं पता कि उनके इरादे क्या हैं, लेकिन हमें जबरन जाने के लिए मजबूर किया गया। मेरे पास ट्रेन का टिकट या पैसे नहीं हैं।'
नेपाल से की एक और छात्र अनिल प्रसाद यादव ने कहा, 'हमें कहा जरा रहा है कि 1 घंटे के भीतर सामान पैक कर लें और कैपस छोड़ दें। हमारे पास कुछ भी नहीं है। हमने खाना तक नहीं खाया है।' नेपाली छात्रों का दावा है कि प्रशासनिक स्तर पर उनके साथ ठीक नहीं हो रहा है।
प्रशासन ने नेपाली छात्रों के लिए बंद किया कैंपस
KIIT विश्वविद्यालय में नेपाली छात्रों के विरोध प्रदर्शन का तर्क देते हुए, उनके लिए कैंपस ही बंद कर दिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा है कि नेपाली छात्रों के लिए कैंपस अनिश्चितकाल तक के लिए बंद किया जा रहा है। यहां करीब 500 से ज्यादा नेपाली छात्र पढ़ाई करते हैं।
विश्वविद्यालय प्रशासन पर आरोप लगे कि छात्रों को तैयारी के लिए बेहद कम वक्त दिया गया है, वहीं न तो उनके लिए खाने और यात्रा की व्यवस्था की गई। जब सवाल उठे तो विश्वविद्यालय प्रशासन ने गोलमोल जवाब दिया है।
KIIT रजिस्ट्रार प्रोफेसर ज्ञान रंजन मोहंती ने कहा, 'मामले के बाद कुछ नेपाली छात्रों ने विरोध किया था। उनके साथ प्रशासन ने चर्चा की थी और उन्होंने फैसला मान लिया था। वह चले गए। विश्वविद्यालय ने छात्रों से यह भी अपील की है कि जब मामला शांत हो जाए तब कैंपस लौटें और पढ़ाई शुरू करें।'
खुदकुशी की क्या वजह सामने निकलकर आई है?
प्रकृति की आत्महत्या के लिए अद्विक श्रीवास्तव को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। वह उसकी कॉलेज में पढ़ता था। आरोप लगाए जा रहे हैं कि अद्विक उसे ब्लैकमेल और टॉर्चर कर रहा था। 21 साल के अद्विक श्रीवस्तव को पुलिस ने हिरासत में लिया है। प्रकृति के चचेरे भाई सिद्धांत सिग्दल ने कहा है कि अद्विक उसे लगातार ब्लैकमेल करता था, उसी की वजह से उसकी बहन ने खुदकुशी की है।
सिद्धांत की शिकायत पर ही FIR दर्ज हुई है। आरोप लगाए जा रहे हैं कि प्रशासन ने कोई कड़ा फैसला नहीं लिया, जबकि छात्रा की ओर से इंटरनेशनल रिलेशन ऑफिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी। सोशल मीडिया पर कई ऐसे वायरल मीडिया क्लिप छाए हुए हैं, जिसमें छात्रा को गालियां दी जा रही हैं।
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16 फरवरी को पुलिस ने अद्विक श्रीवास्तव को हिरासत में लिया। उसे बीजू पटनायक इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पकड़ा गया। वह शहर छोड़कर भागने की फिराक में था। वह प्रकृति की मौत के बाद भाग रहा था। पुलिस ने उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 के तहत केस दर्ज किया है।
क्या है नेपाली छात्रों की मुश्किलें?
नेपाली छात्र इंसाफ मांग रहे हैं। सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं, जब नेपाली छात्रों को विश्वविद्याल प्रशासन से जुड़े लोग ब्लैकमेल कर रहे हैं। बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक छात्रों को बसों में धकेला जा रहा है और कटक रेलवे स्टेशन पर छोड़ा जा रहा है। यह KIIT से करीब 30 किलोमीटर दूर है। उन्हें कोई व्यवस्था नहीं दी गई है। कुछ छात्रों के पास ट्रेन का टिकट नहीं है। उनकी अगली परीक्षा भी 28 फरवरी को होने वाली है।
नस्लवाद पर उतरा विश्वविद्यालय प्रशासन!
नेपाली छात्रों का आरोप है कि नेपाली छात्रों पर नस्लीय टिप्पणियां की जा रही हैं। एक वीडियो में कुछ स्टाफ के लोग नेपाली छात्रों को धमका रहे हैं कि तुम्हारा बजट भी हमारे सरकार की मदद से बनता है। नेपाली छात्रों की राष्ट्रीय पर भी सवाल खड़े किए गए हैं। ये वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनकी पुष्टि खबरगांव नहीं करता है।
She should be booked under racism charges and the National Security Act at any cost for bringing shame to India.
— Neetesh Kumar (@Neetesh_k07) February 18, 2025
Odisha is better than this, and this lady should not be allowed to get away with such treason. @CMO_Odisha @PMOIndia#KIITUniversity pic.twitter.com/bxRQQm5Kl7
नेपाल के प्रधानमंत्री ने क्या कहा है?
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भी इस मुद्दे पर रिएक्ट किया है। उन्होंने कहा है कि नेपाली छात्रों की मदद के लिए सरकार जरूरी कदम उठा रही है। उन्होंने कहा है कि उन्हें उनकी पसंद की जगह पर या तो ठहराया जाएगा या छात्रावास में रहने का विकल्प दिया जाए या उनके पास घर लौटने का विकल्प दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, 'नई दिल्ली स्थित हमारी एंबेसी ने दो अधिकारियों को प्रभावित छात्रों से मिलने ओडिशा भेजा है। छात्रों को हॉस्टल में, या कहीं बाहर उनके फैसले के आधार पर ठहराया जाएगा।'
Nepali students protest outside the Indian Embassy in Kathmandu over the mistreatment at KIIT University, Odisha.
— Neetesh Kumar (@Neetesh_k07) February 18, 2025
The tragic incident could happen anywhere but the university’s inhuman and racist actions have brought shame to India.@KIITUniversity must be held accountable. pic.twitter.com/RV3bwD9Z7n
नेपाल दूतावास ने क्या कहा?
काठमांडू दूतावास KIIT और ओडिशा राज्य सरकार के साथ संपर्क में था। दूतावास ने कहा, 'हम KIIT अधिकारियों और ओडिशा राज्य सरकार दोनों के संपर्क में हैं। हमारी प्राथमिक चिंता सभी नेपाली छात्रों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करना है।'
अब तक क्या-क्या हुआ है?
- कूटनीतिक स्तर पर KIIT प्रशासन और ओडिशा सरकार से नेपाल दूतावास की बात हो रही है। अभी इस केस को आत्महत्या माना जा रहा है।
- भुवनेश्वर पुलिस ने संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया है। वह हिरासत में है।
- भारतीय दूतावास ने भी इस मौत पर दुख जताया है और सहयोग का आश्वासन दिया है।
- भारत ने नेपाली छात्रों की मदद का भरोसा दिया है।
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