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नई दिल्ली में भगदड़ पीड़ितों के परिवार को लाखों रुपये कैसे बांट दिए?

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ में मारे गए लोगों के परिजन को नकद पैसे बांटे जाने के मामले पर खूब सवाल पूछे जा रहे हैं। जानिए इस पर रेल अधिकारियों का क्या कहना है।

new delhi railway station

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भीड़ का दृश्य, Photo Credit: PTI

टेबल पर 100 और 500 रुपये के कई बंडल रखे हुए हैं। कुल मिला कर 10 लाख रुपये। शव गृह के सामने हाथ में पर्ची लेकर एक शख्स खड़ा है। जिसके किसी अपने की भगदड़ में कुचल कर मौत हो गई है। शव सौंपने से पहले उसके हाथ में 10 लाख रुपये की गड्डियां थमा दी गईं और फिर शव के साथ सीधे घर रवाना कर दिया गया। ये तस्वीर देखकर हम सोचते रहे कि इस शख्स को ज़्यादा भारी क्या लगा होगा। लाश या नोटों के ये बंडल? यह एक तस्वीर, ऐसे 18 परिवारों की कहानी कहती है। जिनके अपने, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की भगदड़ में मारे गए। दिल्ली के 3 अस्पतालों के शव गृह के सामने ऐसे ही, किसी टेबल पर नोटों के बंडल लेकर अधिकारी खड़े थे। हाथ में अपनों के मारे जाने के सबूत के साथ लोग लाइन में थे। ताकी मुआवज़ा हासिल कर सकें।

 

ज़ाहिर है, इस सब पर सवाल उठाए गए। किसी ने रेलवे के 2023 के नियम का हवाला दिया। कहा कि 50 हजार से ज्यादा कैश नहीं दिया जा सकता। कोई इसे सोशल मीडिया पर लोगों की चुप्पी खरीदने की रकम बताने लगा। साथ ही कैश बांटने की टाइमिंग पर भी सवाल खड़े होने लगे। पूरा मामला क्या है जानते हैं।

 

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पूरा मामला क्या है?

15 फरवरी, यानी शनिवार। रात 9:30 से 10 बजे के बीच, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर पटना जाने वाली मगध एक्सप्रेस खड़ी थी। साथ ही लगे दूसरे प्लेटफॉर्म 15 पर जम्मू जाने वाली उत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस। कुंभ और कई ट्रेनों की लेट लतीफी के चक्कर में स्टेशन में बहुत ज्यादा भीड़ हो गई थी। उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु उपाध्याय के मुताबिक, भारी भीड़ लगातार फुट ओवर ब्रिज के जरिए प्लेटफॉर्म 14-15 पर उतर रही थी। भीड़ के कारण लोग सीढियों पर फिसल गए और एक दूसरे पर गिरने लगे। इससे भगदड़ मच गई। इस भीषण हादसे में 18 लोगों की जान चली गई। जिसमें 7, 8, 11 और 12 साल की उम्र के 4 बच्चे भी शामिल थे जबकि दर्जन भर से ज्यादा लोग घायल हो गए।

 

 

सरकार ने मरने वालों के परिवारों को 10 लाख रुपये, गंभीर रुप से घायलों को 2.5 लाख रुपये और मामूली चोटिल के लिए 1 लाख रुपये अनुग्रह राशि की घोषणा की लेकिन जब इस तरह से अनुग्रह राशि दिए जाने की बात मीडिया में आई। उससे पहले ही परिजन को मॉर्चुरी के सामने ही पैसे कैश में बांट दिए गए थे और परिजन को शव के साथ घर भी रवाना कर दिया गया था। ऐसे में सोशल मीडिया में इसे लेकर 2 मुख्य सवाल खड़े हुए। जो आपको भी बताते हैं।

 

पहला ये कि जब नियम सिर्फ 50 हजार कैश देने का है तो लाखों रुपये कैसे कैश बांट दिए गए? दूसरा ये कि जब अनुग्रह राशि देने का ऐलान रविवार सुबह 11 बजे हुआ, तो पैसे सुबह 4 बजे से कैसे बांट दिए गए? दोनों सवालों का एक-एक कर जवाब जानते हैं। पहले पड़ताल घोषणा से पहले पैसे बांटे जाने की करते हैं।

 

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PIB के अतिरिक्त महानिदेशक और रेल मंत्रालय के प्रभारी PIB अधिकारी धर्मेंद्र तिवारी ने न्यूजलॉन्ड्री को बताया कि अनुग्रह राशि की घोषणा 16 फरवरी यानी रविवार की सुबह 11 बजे की गई थी जबकि नोएडा के रहने वाले अनुभव सहाय, जिनकी 70 वर्षिय मां आशा देवी की इस भगदड़ में मौत हो गई है। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि लोक नायक अस्पताल में पोस्टमार्टम पूरा हेने के बाद सुबह-सुबह मुझे 10 लाख रुपये नकद थमा दिए गए। दिल्ली के बिजवासन में किराना दुकान चलाने वाले राजू कुमार ने न्यूजलॉन्ड्री को बताया कि उनके चाचा की 24 साल की बेटी भगदड़ में मारी गई। जिसके बाद सरकार ने उन्हें लेडी हार्डिंग हॉस्पिटल के मॉर्चूरी के बाहर सुबह 4 बजे 10 लाख रुपये कैश दिए।

नकद बांट दिए पैसे

भगदड़ में चचेचे भाई मनोज कुशवाहा को खोने वाले संदेश कुशवाहा ने न्यूजलॉन्ड्री को बताया कि लेडी हार्डिंग हॉस्पिटल की मॉर्चूरी के बाहर एक अधिकारी ने सुबह 5 बजे 10 लाख रुपये नकद दिए थे। टाइम के इस हेर फेर को लेकर रेल मंत्रालय के प्रभारी PIB अधिकारी धर्मेंद्र तिवारी से सवाल किया गया। तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि भले ही मीडिया को इस बात की सूचना बाद में दी गई हो। लेकिन हमने ऑर्डर पर पहले से ही अमल करना शुरू कर दिया था। इसलिए हमने सुबह 4 बजे से ही रकम बांटनी शुरू की। अब दूसरा सवाल की पड़ताल। नियम सिर्फ 50 हजार कैश देने का है तो लाखों रुपये नकद कैसे बांटे गए।

 

पहले नियम जान लेते हैं। 22 दिसंबर 2023 को रेल मंत्रालय द्वारा अनुग्रह राशि को लेकर जारी नियम के मुताबिक, प्रारंभिक खर्चों की देखभाल के लिए तत्काल राहत के रूप में अधिकतम 50 हजार रुपये तक की राशि नकद में दी जा सकती है। शेष राशि का भुगतान अकाउंट पेई चेक/RTGS/NEFT या किसी अन्य ऑनलाइन भगतान मोड के द्वारा किया जाएगा। रेलवे उचित समझे जाने पर अकाउंट पेई चेक/RTGS/NEFT या किसी अन्य ऑनलाइन भुगतान मोड द्वारा अनुग्रह राशि या बढ़ी हुई अनुग्रह राशि का पूरा भुगतान कर सकता है। साफ शब्दों में कहें तो कैश में सिर्फ 50 हजार ही दिए जा सकते हैं।

 

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लेकिन इंडियन एक्सप्रेस और न्यूजलॉन्ड्री की रिपोर्ट के मुताबिक मृतकों के परिजनों को हॉस्पिटल में मॉर्चूरी के बाहर ही 10 लाख रुपये कैश बांटे गए थे। न्यूजलॉन्ड्री की कैल्कुलेशन के मुताबिक कुल मिला कर घायलों और मृतकों के रिश्तेदारों को 1।99 करोड़ रुपये बांटे गए। 2 करोड़ में 1 लाख रुपये कम। जिसमें से 1।8 करोड़ रुपये तो उन 18 लोगों के परिजनों को दिए गए, जिनकी मृत्यु हो गई थी।

अधिकारियों ने क्या कहा?

 

2023 के इस नियम को आधार लेकर जब उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु उपाध्याय से सवाल किए गए। जिसमें उन्होंने बताया कि परिवारों को दी गई राशि का एक हिस्सा अनुग्रह राशि और बाकी मुआवजा है लेकिन जब उनसे पूछा गया कि 10 लाख रुपये में कितना हिस्सा अनुग्रह राशि है और कितना मुआवजा, तो उन्होंने इस सवाल का जवाब नहीं दिया। इससे ठीक उलट रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया है कि ये अनुग्रह राशि तत्काल राहत है जो की मुआवजे से अलग है। इसलिए पीड़ितों को और परिजनों को नकद दी गई है।

 

अधिकारी ने बताया, 'ये कोई असामान्य बात नहीं है। बालासोर ट्रेन एक्सीडेंट के वक्त भी अनुग्रह राशि नकद में दी गई थी। क्योंकि कुछ परिवारों के पास आमतौर पर बैंक अकाउंट या अकाउंट डिटेल्स नहीं होते हैं। इसलिए अनुग्रह राशि आधार कार्ड के जरिए उनकी या उनके परिजनों की पहचान कर बांट दी जाती है। स्टेशन मास्टर के पास आधिकारिक बैंक अकाउंट से पैसे निकालने का अधिकार होता है। फिर इसे अकाउंट्स डिपार्टमेंट द्वारा बांट दिया जाता है।'

 

सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल होने के बाद हरमीत कौर नाम की एक यूजर ने एक्स पर लिखा की रात के अंधेरे में नकदी बांट कर सरकार भगदड़ की खबर दबाने की कोशिश कर रही है। जय सिंह नाम के यूजर ने लिखा क्या इस तरह से कैश देना अलाउड है? DBT कहां गई? यानी सरकार की डायरेक्ट बेनेफिशियरी ट्रांसफर स्कीम पर सवाल उठाया। अरुण अरोरा नाम के यूजर ने सवाल किया कि 1.8 करोड़ रुपये कैश कहां से आए? RBI ने तो 2 लाख से ज्यादा कैश का ट्रांजेक्शन मना किया हुआ है।

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