'इंडियाज गॉट लेटेंट' में अश्लील बयान की वजह से रणबीर अलाहबादिया विवादों के केंद्र में हैं। अब उन्हें सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। उनके पासपोर्ट को पुलिस ने जब्त किया था, जिसे अब रिलीज करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। रणबीर अलाहबादिया ने पासपोर्ट को रिलीज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने रणबीर की याचिका पर सुनवाई की और पुलिस को उनका पासपोर्ट वापस देने का आदेश दिया है।
चीफ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने पासपोर्ट वापस देने का आदेश तब दिया, जब उन्हें बताया गया कि असम और महाराष्ट्र में दर्ज FIR की जांच पूरी हो चुकी है। कोर्ट ने रणबीर अलाहबादिया को महाराष्ट्र साइबर क्राइम ब्यूरो से अपना पासपोर्ट वापस लेने के लिए आवेदन करने की अनुमति दी है।
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FIR एक साथ करने की मांग की
याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट अभिनव चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट को महाराष्ट्र और असम मामले में तर्क देते हुए कहा, 'यह दोनों मामले एक ही शो से संबंधित हैं, असम और महाराष्ट्र में दर्ज FIR को एक साथ जोड़ने दें।' हालांकि, जस्टिस सूर्यकांत ने इस स्तर पर FIR को जोड़ने से इंकार करते हुए कहा, 'गुवाहाटी किए गए FIR में कुछ ऐसे आरोप हैं जो मुंबई में दर्ज FIR में नहीं हैं। असम में जो व्यक्ति स्वयं को पीड़ित मानता है, उसे महाराष्ट्र क्यों आना पड़ेगा?' सुप्रीम कोर्ट के जवाब पर डॉ. चंद्रचूड़ ने अमिश देवगन का हवाला दिया, जिसमें एक तरह के मामलों से संबंधित कई FIR को एक साथ जोड़ा गया था। चंद्रचूड़ के इस तर्क पर कोर्ट ने यह संकेत दिया कि वह अगली सुनवाई पर इस अनुरोध पर विचार करेंगे।
क्या है पूरा मामला?
रणबीर अलाहबादिया, जिन्हें 'बियर बाइसेप्स' के नाम से भी जाना जाता है, उस समय विवादों में घिर गए जब कॉमेडियन समय रैना के यूट्यूब शो 'इंडियाज गॉट लेटेंट' के एक एपिसोड में अभद्र भाषा और अश्लील मजाक के चलते देशभर में नाराजगी फैल गई। वायरल हुए वीडियो क्लिप्स में माता-पिता पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई थीं, जिसके बाद सोशल मीडिया पर भारी विरोध देखने को मिला था।
विवाद के बाद समय रैना ने माफी मांगते हुए शो को यूट्यूब से हटा दिया। रणबीर अलाहबादिया ने भी सार्वजनिक रूप से माफी मांगी और अपनी टिप्पणियों को अनुचित बताया। इस विवाद के चलते देश के कई राज्यों में रणवीर अल्लाहबंदिया, आशीष चंचलानी, जसप्रीत सिंह और अपूर्वा माखिजा सहित अन्य कंटेंट क्रिएटर्स के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए गए। 10 फरवरी को गुवाहाटी पुलिस ने पांच कंटेंट क्रिएटर्स के खिलाफ अश्लीलता फैलाने, अशिष्ट और अभद्र चर्चाओं में शामिल होने के आरोप में FIR दर्ज की थी। इसी तरह महाराष्ट्र साइबर सेल और जयपुर में भी मामले दर्ज कराए गए थे।
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इसी बीच, अलाहबादिया और चंचलानी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख कर अलग-अलग राज्यों में दर्जFIRको रद्द करने या एकसाथ जोड़ने की मांग की थी। अदालत ने अलाहबादिया को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा दी थी, बशर्ते कि वे अपना पासपोर्ट जमा कराएं और नए कंटेंट क्रिएशन पर कुछ प्रतिबंध स्वीकार करें। वहीं, आशीष चंचलानी को गुवाहाटी हाईकोर्ट से राहत मिली थी।
पिछली सुनवाइयों में, जस्टिस सूर्यकांत ने शो में इस्तेमाल भाषा पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे 'गंदी' और 'विकृत' करार दिया था। बाद में अदालत ने अलाहबादिया को 'द रणवीर शो' को फिर से शुरू करने की अनुमति दी थी, इस शर्त पर कि वे भविष्य में अपने कंटेंट में शालीनता और नैतिकता बनाए रखेंगे ताकि सभी उम्र के लोग उसे आसानी से देख सकें।
इस महीने की शुरुआत में, सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि अलाहबादिया के खिलाफ दर्ज FIR की जांच लगभग पूरी हो चुकी है। कोर्ट ने तब संकेत दिया था कि जांच पूरी होने के बाद पासपोर्ट वापस करने की याचिका पर विचार किया जाएगा।