रविवार को उत्तराखंड के चमोली में चार और लाशें मिलने के बाद अब हिमस्खलन से मरने वालों की संख्या 8 हो गई है और इसी के साथ सर्च ऑपरेशन बंद हो गया है। माणा गांव के पास बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) के 54 मजदूर हिमस्खलन में फंस गए थे, जिनमें से बाकी के लोगों को बाहर निकाल लिया है। इसी के साथ अब रेस्क्यू ऑपरेशन को बंद कर दिया गया है।
सेना, ITBP, वायुसेना, NDRF और SDRF के साथ मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे थे। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को लगातार दूसरे दिन आईटी पार्क, देहरादून में आपदा नियंत्रण कक्ष का दौरा किया था और वह रेस्क्यू ऑपरेशन की लगातर समीक्षा कर रहे थे।
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किस हाल में हैं घायल मजदूर?
हिमस्खलन में जिंदा बचे लोगों का इलाज जोशीमठ की आर्मी अस्पातल में चल रहा है। ANI के साथ बातचीत में विजय पांडे ने कहा, 'जब हिमस्खलन हुआ, तब हम कंटेनर में थे। यह कंटेनर को बहा ले गया, हम खुद बर्फ में डूब गए थे। हम में से नौ लोग कंटेनर में थे, जिनमें से चार यहां भर्ती हैं।'
वायु सेना क्या कर रही थी?
वायुसेना भी रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी थी। MI-17 और चीता हेलीकॉप्टर भी ऑपरेशन में लगे थे। लोगों की तलाश में सैनिक जुटे थे। लापता लोगों की तलाश के लिए लोकेटिंग कैमरा और थर्मल इमेज कैमरे का इस्तेमाल किया जा रहा था।
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क्या मुश्किलें आईं?
बेस कैंप के पास सेना के हेलीपैड को इमरजेंसी कंट्रोल के लिए तैयार किया गया था। भारी बर्फबारी की वजह से चुनौतियां सामने आ रही थीं। बद्रीनाथ में 6 से 7 फीट की बर्फ जमी है। कई जगहों पर सड़कें पूरी तरह से बंद हैं।
कहां हो रहा घायलों का इलाज?
चमोली के जिला मजिस्ट्रेट संदीप तिवारी का कहना है कि 24 मजदूरों का जोशीमठ में इलाज चल रहा है, वहीं एक शख्स का ऋषिकेश में इलाज चल रहा है। उसकी पीठ में गंभीर चोटें आई हैं।