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वक्फ बिल: समर्थन पर घर में लगाई आग, विरोध पर नजरबंद कर दिया

वक्फ संशोधन विधेयक अब कानून बन गया है। संसद के दोनों सदनों ने इसे पास किया था, शनिवार को राष्ट्रपति ने इसकी मंजूरी दी थी। अब इस कानून का कुछ जगहों पर विरोध हो रहा है। पढ़ें रिपोर्ट।

Waqf Bill

देशभर में वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। (Photo Credit: PTI)

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में 300 से ज्यादा लोगों को जिला प्रशासन ने वक्फ संशोधन विधेयक के विरोध में काली पट्टियां बांधने पर नोटिस भेजा है। लोग स्थानीय मस्जिद में बीते शुक्रवार को नमाज पढ़ रहे थे। स्थानीय पुलिस ने इस विरोध प्रदर्शन के बारे में जिला मजिस्ट्रेट विकास कश्यप को सूचना दी तो उन्होंने नोटिस भेज दिया। नोटिस में 16 अप्रैल को कुछ लोगों को बुलाया गया है, जिसमें उनसे विरोध प्रदर्शन की वजह पूछी गई है। उनसे यह भी कहा गया है कि अपने-अपने इलाके में वे एक साल तक शांति बाहली के लिए काम करेंगे। 

यूपी से लेकर मणिपुर तक विरोध प्रदर्शन हुए हैं। समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुमैया राणा ने दावा किया है कि लखनऊ पुलिस ने उन्हें नजरबंद कर दिया है। वह वक्फ बिल का विरोध कर रही थीं, अब उन्हें शांति बनाए रखने का नोटिस मिला है। उन्हें पुलिस ने 10 लाख रुपये का एक निजी बॉन्ड भरने का निर्देश दिया है। दूसरी तरफ असम में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अल्पसंख्यक मोर्चा की मणिपुर यूनिट के अध्यक्ष असकर अली के घर रविवार को रात में भीड़ ने आग लगा दी। उन्होंने वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन किया था।

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मणिपुर में बीजेपी नेता का घर फूंका
मणिपुर के थौबल जिले के स्थानीय अधिकारियों का दावा है कि लिलोंग में यह वारदात हुई है। असकर अली ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस विधेयक के समर्थन में लिखा था। अधिकारियों का कहना है कि भीड़ करीब 9 बजे रात में उनके घर के बाहर आई और तोड़फोड़ मचाने लगी। घर में आग लगी। उन्होंने हादसे के बाद सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किया और सबसे माफी मांगी। उन्होंने कानून पर अपना विरोध भी दर्ज कराया है। वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ इंफाल घाटी के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं। 5 हजार से ज्यादा लोगों ने एक रैली में हिस्सा लिया। नेशनल हाइवे 102 पर ट्रैफिक जाम की स्थिति हो गई। 

अब कानून बन गया है वक्फ विधेयक
संसद के दोनों सदनों से वक्फ संशोधन विधेयक पास हो गया था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार देर रात इस बिल पर अपने हस्ताक्षर किए और इसे कानून बना दिया। द्रौपदी मुर्मू ने मुसलमान वक्फ निरसन विधेयक 2025 को भी अपनी मंजूरी दी है। आजादी से पहले का मुसलमान वक्फ अधिनियम अब रद्द हो गया है। 

वक्फ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन। (Photo Credit: PTI)

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सरकार ने किस आधार पर ऐसा किया है?

सरकार का कहना है कि वक्फ प्रबंधन में पारदर्शिता की कमी थी, जिसे बढ़ाने के मकसद से वक्फ संशोधन विदेयक 2025 को लंबी चर्चा के बाद संसद से मंजूरी मिली। इस विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति में चर्चा के लिए भेजा गया था। लोकसभा में 288 सदस्यों ने इसका समर्थन किया था, 232 सदस्यों ने विरोध किया था, राज्यसभा में 128 सांसदों ने इसके समर्थन में वोट किया था, वहीं 95 सांसदों ने विरोध में वोट किया था। 


लखनऊ में सुमैया राणा नजरबंद 
सुमैया राणा, शायर मुनव्वर राणा की बेटी हैं। उन्होंने कहा है, 'जब से मैंने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ बोला है, पुलिस मेरा मुंह बंद कराना चाहती है। मुझे नोटिस मिला है, जिसके खिलाफ मैं कोर्ट में जाऊंगी। पुलिस ने पहले नोटिस भेजा, जिसे मैंने नहीं लिया। उन्होंने मुझे वॉट्सऐप के जरिए नोटिस भेजा है।'

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नोटिस में क्या कहा गया है?
नोटिस में कहा गया है कि सुमैया राणा की गतिविधियों से शांति भंग होने और सार्वजनिक अशांति पैदा होने की आशंका है। सार्वजनिक शांति बनाए रखने के लिए उन्हें एक साल तक के लिए 10 लाख के निजि बॉन्ड और इतनी ही राशि की दो जमानतें क्यों नहीं ली जानी चाहिए। अब उन्हें सोमवार को पुलिस के सामने पेश होना है। 


कई राज्य में अलर्ट
वक्फ बिल पारित होने के बाद से ही देश के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। यूपी पुलिस भी संवेदनशील इलाकों में अलर्ट मोड पर है। उजमा परवीन और सपा छात्र महासभा के महेंद्र यादव को भी नोटिस मिला है। वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर हुई हैं। विपक्षी दलों की ओर से कहा गया है कि यह विधेयक मुस्लिमों को नीचा दिखाने के लिए लाया गया है। यह धार्मिक स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन है। 

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