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'लालू के लड़के हैं, इसलिए नेता हैं, तेजस्वी पर भड़के प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर ने कहा है कि बिहार में 60 फीसदी दलित आबादी के पास एक धुर जमीन नहीं है। उन्होंने कहा है कि बिहार की स्थिति सुधारने की सरकारों की मंशा ही नहीं रही। पढ़ें रिपोर्ट।

Prashant Kishor

प्रशांत किशोर का इंटरव्यू। (Photo Credit: Khabargaon)

जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा है कि जिस बिहार की 60 फीसदी ग्रामीण आबादी के बार एक इंच जमीन नहीं है, रोजगार नहीं है, शिक्षा तक उसकी पहुंच नहीं है फिर कैसे बिहार का विकास होगा। प्रशांत किशोर ने लालू परिवार पर तंज कसते हुए कहा कि तेजस्वी यादव कैसे समाजवादी हो सकते हैं, वह तो परिवारवाद की उपज हैं। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव बेटे होने की वजह से ही वह बिहार के नेता प्रतिपक्ष हैं, वरना उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि क्या है।

प्रशांत किशोर ने उनकी शिक्षा पर तंज कसते हुए कहा कि राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू यादव, जब अपने बच्चे की शिक्षा पर ध्यान नहीं दे पाए तो उनकी सरकार बिहार की शिक्षा का ख्याल कैसे रख पाएगी। प्रशांत किशोर ने खबरगांव के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था पहले से अब ज्यादा खराब स्थिति में पहुंच गई है। पहले कुछ विद्यालय थे,जहां से पढ़े हुए बच्चे, आगे बढ़ पाते थे, अब वह शिक्षा व्यवस्था ही ध्वस्त हो गई है।

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देखें प्रशांत किशोर का पूरा इंटरव्यू-


'तेजस्वी कब से समाजवादी हो गए'
प्रशांत किशोर ने समाजवाद पर भी बात की। प्रशांत किशोर ने कहा, 'तेजस्वी यादव ने विधानसभा के मंच से कहा कि समाजवाद हमारे पुरखों की विरासत है। वह कब से समाजवादी हो गए। समाजवादी तो राम मनोहर लोहिया थे, मधु लेनन थे, मधु दंडवते थे, जॉर्ज फर्नांडीस थे। वह लालू यादव के लड़के हैं इसलिए आरजेडी के नेता हो गए हैं। तेजस्वी यादव कबसे समाजवादी हो गए। उन्हें सिर्फ लालू प्रसाद यादव के नाम पर राजनीति करने आती है। उनके पास समाजवाद की समझ कैसे हो गई। वह पढ़कर बता दें, मंच पर बता दें। लालू के नाम पर राजनीति करना है। यह कहकर वोट मांगे कि हम लालू के लड़के हैं इसलिए हमें अपना नेता मानो।'

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'न पढ़ाई, न जमीन, नारेबाजी से गरीबी नहीं मिटेगी'
प्रशांत किशोर ने कहा, 'ग्रामीण बिहार में 60 प्रतिशत लोगों के पास एक धुर जमीन नहीं है। यहां समाजवाद की राजनीति 50 साल से हो रही है। 86 प्रतिशत दलितों के पास एक इंच जमीन नहीं है। पढ़ाई नहीं है, जमीन नहीं है, पूंजी नहीं है, बिहार की जनता गरीबी से निकलेगी कैसे। आधारभूत चीजों के बिना तो समाजिक परिवर्तन नहीं होगा। हम लोग गुजरात के विकास के नाम पर वोट देते हैं, मोदी के मंदिर के लिए वोट देते हैं, अनाज के लिए वोट देते हैं, शिक्षा और रोजगार के लिए वोट की कहां देते हैं। जब तक रोजगार और शिक्षा के नाम पर लोग वोट नहीं देंगे, बिहार का विकास नहीं होगा।'

'जो अपने बच्चे को नहीं पढ़ा सकेगा, दूसरों को क्या पढ़ाएगा'
प्रशांत किशोर ने कहा, 'कुछ लोग जमीन बेचकर अपने बच्चों को पढ़ाते हैं लेकिन बिहार में सबकी स्थिति ऐसी नहीं है। बिहार में लालू यादव मुख्यमंत्री रहे, उन्होंने अपने बच्चों की शिक्षा पर ध्यान नहीं दिया, वह बिहार के बच्चों की शिक्षा पर क्या ध्यान देंगे। शिक्षा पर जितना ध्यान देने की जरूरत है, उतनी किसी ने दी ही नहीं है।' 

 

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