चुनाव आयोग ने 24 जून को SIR का आदेश दिया था। 25 जून से यह प्रक्रिया शुरू की गई है। यह प्रक्रिया पूरे देश में होगी। बिहार में चुनाव हैं, इसलिए शुरुआत यहीं से हो रही है।
बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन का काम करते चुनाव अधिकारी। (Photo Credit: Election Commission)
बिहार में वोटर लिस्ट के लिए स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) अभियान का 90 फीसदी से ज्यादा काम पूरा हो गया है। बिहार में मतदाताओं के बीच इसे लेकर नाराजगी भी है लेकिन तेजी से यह अभियान पूरा किया जा रहा है। अब तक करीब 94.68 फीसदी मतदाताओं का सत्यापान हो गया है। यह प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है और अभी 6 दिनों का वक्त है। बिहार की मतदाता सूची से करीब 3686971 मतदाता ऐसे हैं, जिनका नाम बाहर हो सकता है। वजह यह है कि बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) इन लोगों से कोई संपर्क नहीं कर पाए हैं।
अब तक हुई जांच में यह तथ्य सामने आया है कि 36.86 लाख वोटर या तो मृत हो सकते हैं या पलायन कर चुके हैं, या एक जगह से ज्यादा रजिस्टर्ड हैं। 6,978 वोटर्स (0.01%) का कोई पता नहीं चला, वे संपर्क से पूरी तरह से बाहर हैं। इनकी सूची राजनीतिक दलों और उनके बूथ लेवल एजेंट्स (BLA) के साथ साझा की जा रही है, जिससे 25 जुलाई से पहले इसके बारे में सटीक जानकारी हासिल की जा सके।
5,92,973 लोग मतदाता के तौर पर अन्य जगह दर्ज हो सकते हैं
6,978 मतदाता गुमनाम हैं
अगले 6 दिनों का टास्क क्या है?
चुनाव आयोग के सामने 6 दिनों में 41,10,213 मतदाताओं के नाम के सत्यापन की जिम्मेदारी है। अब तक बिहार के 7 करोड़, 48 लाख, 59 हजार, 631 लोगों का सत्यापन किया जा चुका है। यह काम 94.68 फीसदी तक पूरा हो गया है। अभी 41 लाख से ज्यादा मतदाता ऐसे हैं, जिनका वेरिफिकेशन बाकी है। करीब 5.2 फीसदी काम बचा हुआ है, जिसे महज 6 दिनों में पूरा करना है।
वोटिंग के सत्यापन के लिए क्या दस्तावेज मांगे जा रहे हैं?
पासपोर्ट
जन्म प्रमाण पत्र
एससी/एसटी/ओबीसी या कोई जाति प्रमाण पत्र
पेंशन भुगतान आदेश
स्थायी निवास प्रमाण पत्र
राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) (जहां उपलब्ध हो)
स्थानीय प्राधिकरण द्वारा परिवार रजिस्टर
भूमि आवंटन प्रमाण पत्र
वन अधिकार प्रमाण पत्र
1 जनवरी 2003 के बिहार निर्वाचक नामावली में माता-पिता के नाम का अंश
अन्य वैध दस्तावेज (जो ERO द्वारा स्वीकार्य हों)
भारत के चुनाव आयोग (EC) ने 24 जून को बिहार में विशेष गहन संशोधन (SIR) का आदेश दिया और अगले दिन यानी 25 जून को इसे शुरू किया। इसका मकसद पूरे देश की मतदाता सूची को अपडेट करना है, और बिहार से शुरुआत की गई क्योंकि वहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
1 अगस्त से 1 सितंबर तक वोटर्स और दल ड्राफ्ट सूची पर दावे और आपत्तियां दर्ज कर सकते हैं। इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर 25 सितंबर तक इनका निपटारा करेंगे, और अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को जारी होगी।
25 जुलाई से पहले पूरी होगी प्रक्रिया
बूथ लेवल अधिकारियों का कहना है कि 25 जुलाई की समय सीमा से 2-3 दिन पहले काम पूरा कर लिया जाएगा। आयोग का कहना है कि यह प्रक्रिया तय करेगी कि कोई भी पात्र वोटर छूटे नहीं।