ग्रामीण विकास मंत्रालय (MoRD) ने राज्यों को निर्देश दिया है कि वे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) के लिए इस्तेमाल होने वाले नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम (NMMS) में गड़बड़ियों को तुरंत ठीक करें और इसकी निगरानी को मजबूत करें। मंत्रालय की जांच में यह सामने आया है कि इस सिस्टम का गलत इस्तेमाल हो रहा है। यह धांधली अटेंडेंस और तस्वीरों की धांधली में हो रही है। फोटो खींचा जा रहा है, काम कम हो रहा है।
मंत्रालय ने 8 जुलाई को जारी एक पत्र में कहा कि कुछ लोग फर्जी या बेकार तस्वीरें अपलोड कर रहे हैं। काम कहीं हो रहा है, तस्वीर कहीं और की अपलोड कर रहे हैं। एक ही तस्वीर को बार-बार अपलोड कर रहे हैं, अलग-अलग जगहों पर इस्तेमाल कर रहे हैं। अब डिजिटल अटेंडेंस की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं। सरकारी पैसे के दुरुपयोग का खतरा बढ़ा है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने ऐसे मामलों पर चिंता जताई है। मंत्रालय का कहना है कि इसमें भ्रष्टाचार हो सकता है, जो मनरेगा के मूल उद्देश्य के लिए खतरा है। इन गड़बड़ियों को रोकने के लिए मंत्रालय ने राज्यों को कई कदम उठाने को कहा है।
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कैसे रुक सकती है धांधली?
- तस्वीरों की मैनुअल जांच शुरू हो
- ग्राम पंचायत, ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर तस्वीरों का वेरिफिकेशन हो
- NMMS मॉनिटरिंग सेल का गठन हो
- जांच कौन करेगा?
राज्यों को जांच की रिपोर्ट ग्रामीण विकास मंत्रालय को भेजनी होगी। मंत्रालय इन शिकायतों का निपटारा करेगा। जिन अधिकारियों या लोगों ने गलत काम किया, उनके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
कांग्रेस की शिकायत क्या है?
वहीं, कांग्रेस ने इस मुद्दे पर मोदी सरकार की आलोचना की है। पार्टी के नेता जयराम रमेश ने कहा कि NMMS ऐप मई 2022 में शुरू होने के बाद से ही समस्याएं पैदा कर रहा है। कांग्रेस ने मांग की है कि इस "नाकाम और उल्टा असर डालने वाले" NMMS मॉडल को तुरंत हटाया जाए और नरेगा में काम के आधार पर भुगतान की व्यवस्था को फिर से लागू किया जाए, जो इस योजना का मूल आधार है।
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NMMS क्या है ?
मई 2022 में मोदी सरकार ने मनरेगा में अटेंडेंस और काम के डिजिटल वेरफिकेशन के लिए नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम ऐप की शुरुआत की थी।
कांग्रेस की चिंता क्या है?
NMMS सिस्टम बनने के बाद से ही कांग्रेस इसे लेकर सवाल खड़े कर रही है। कांग्रेस का कहना है कि यह मनरेगा की मूल भावना के खिलाफ है। कांग्रेस का कहना है कि इस ऐप में कई व्यवहारिक समस्याएं हैं, जिसकी वजह से मनरेगा प्रोजेक्ट को नुकसान पहुंच सकता है।
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कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा है कि मनरेगा कार्यस्थलों से फोटो अपलोड करने की बाध्यता उन ईमानदार मज़दूरों को इससे बाहर कर देगी, जिनके क्षेत्र में नेटवर्क ठीक नहीं हैं और जिस कारण से वे अपनी तस्वीर समय पर अपलोड नहीं कर पाते।
'फर्जी मजदूरों को कोई रोक नहीं सकता'
जयराम रमेश ने हाल ही में कहा था, 'एनएमएमएस फर्जी मजदूरों को रोक नहीं सकता, क्योंकि कोई भी व्यक्ति दिन में दो बार जाकर फोटो खिंचवा सकता है और एक मिनट भी काम किए बिना भुगतान पा सकता है। यह सामने आया है कि मनमाने ढंग से और नकली तस्वीरें अपलोड की जा रही हैं। यह केवल एनएमएमएस की पूर्ण निष्क्रियता और व्यर्थता को दर्शाता है।' कांग्रेस का कहना है कि फोटो अपलोड मॉडल एनएमएमएस ऐप को तत्काल वापस लिया जाए, क्योंकि यह अव्यावहारिक और खराब है।