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'कब्र पर लिखो, हमने दफनाया है,' औरंगजेब विवाद पर राज ठाकरे

राज ठाकरे ने मराठी भाषा और मराठी मानुस की राजनीति एक बार फिर शुरू कर दी है। उन्होंने EVM पर भी तंज कसा है। हिंदुत्व से लेकर औरंगजेब तक उन्होंने क्या कहा है, पढ़ें।

Raj Thackeray

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे। (Photo Credit: X/MNS)

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने औरंगजेब की कब्र पर सियासत करने वाले नेताओं को नसीहत दी है। उन्होंने कहा है कि इतिहास को जाति और धर्म के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। राज ठाकरे ने कहा है कि इतिहास के लिए वॉट्सऐप पर आने वाले मैसेज पर नहीं रहना चाहिए। शिवाजी पार्क में वह सालाना गुड़ी पड़वा रैली को संबोधित कर रहे थे। राज ठाकरे ने कहा, 'मुगल शासक एक विचार को मारना चाहते थे और वह है शिवाजी लेकिन असफल रहे।'

राज ठाकरे ने कहा, 'उकसावे में न आएं, शिवाजी से पहले और शिवाजी के बाद के युगों में सामाजिक-राजनीतिक परिस्थितियां भिन्न थीं। हम मौजूदा समय के असली मुद्दों को भूल गए हैं। एक फिल्म देखकर जागने वाले हिंदू किसी काम के नहीं हैं। क्या आपको विक्की कौशल को देखकर संभाजी महाराज के बलिदान के बारे में और अक्षय खन्ना को देखकर औरंगजेब के बारे में पता चला?'
 

गंगा की गंदगी पर भड़के राज ठाकरे 
राज ठाकरे ने कुंभ मेले का जिक्र करते हुए बाला नांदगांवकर का जिक्र किया। उन्होंने कहा है कि हिंदुत्व के कार्यकर्ताओं को लगा कि मैंने गंगाजल का अपमान किया है, मैंने नदियों की खराब स्थिति की बात की है, जिन्हें हम माता कहते हैं, उनकी शासकों ने उपेक्षा की है। राजीव गांधी से पीएम मोदी तक ने सफाई की बात की, 33 हजार करोड़ रुपये खर्च किए लेकिन स्थिति नहीं सुधरी। 

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औरंगजेब पर क्या कहा?

राज ठाकरे ने कहा, 'हम इस बहस में फंसे हुए हैं कि औरंगजेब का मकबरा ध्वस्त किया जाना चाहिए या संरक्षित किया जाना चाहिए। अभी आपको औरंगजेब की याद कहां से आई? क्या फिल्म देखने के बाद आपको हिंदुत्व की याद आई? जब आप फिल्म देखते हैं तो क्या आपको छत्रपति शिवाजी महाराज की बहादुरी याद आती है? आजकल विधानसभा में इतिहास की बात कोई नहीं करता। औरंगजेब वाले इस मामले के बारे में कोई जानकारी है क्या? औरंगजेब का जन्म गुजरात के दाहोद में हुआ था। फिर इसका इस्तेमाल ब्राह्मणों, मराठों और अन्य जातियों के बीच संघर्ष भड़काने के लिए किया जाएगा। वे बस आपको भड़काना चाहते हैं। उनका छत्रपति संभाजी महाराज से कोई लेना-देना नहीं है।'

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मराठा इतिहास पर क्या कहा?
राज ठाकरे ने कहा, 'शिवाजी महाराज के विचार के जन्म से पहले इस भारतीय प्रांत की स्थिति क्या थी? शाहजी राजे भी शुरू में आदिल शाही वंश के अधीन थे, फिर बाद में निजाम शाही वंश में चले गए। महाराज की लड़ाई इन सबके खिलाफ थी। आप उन्हें जाति व्यवस्था में क्यों देखते हैं? अफजल खान का वकील ब्राह्मण था और महाराजा की ओर से उससे बात करने वाला व्यक्ति भी ब्राह्मण था। उस समय लिए गए निर्णयों के बारे में आप क्या जानते हैं?'

उन्होंने कहा, '1681 से 1707 तक औरंगजेब महाराष्ट्र में लड़ता रहा। उसने हमारे संभाजी के साथ युद्ध किया और उन्हें बेरहमी से मार डाला। राजाराम महाराज लड़े, संताजी धनाजी लड़े। नरहर कुरुंदकर की पुस्तक में एक अच्छा वाक्य है, मराठा सभी लड़ाई हार रहे थे लेकिन औरंगजेब एक भी लड़ाई नहीं जीत सका।'

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'औरंगजेब की कब्र पर लिखो, हमने दफनाया है'
राज ठाकरे ने कहा, 'औरंगजेब की कब्र पर लगी सजावट को हटा दें और वहां लिख दें कि हमने मराठों से लड़ने आए औरंगजेब को यहां दफनाया था। मराठों ने जिन लोगों को दफनाया था, उनके प्रतीकों को उखाड़ा नहीं जा सकता, इसके विपरीत, हमें दुनिया को बताना चाहिए कि हमने किसी को दफनाया है। हमें स्कूल के छोटे बच्चों को दिखाना चाहिए कि महाराज ने हमारे धर्म को भ्रष्ट करने वाले औरंगजेब को दफनाया था। मैं महाराष्ट्र के युवाओं से अनुरोध करता हूं कि वे व्हाट्सएप पर इतिहास न पढ़ें। जाति के माध्यम से आपको इतिहास पढ़ाने के प्रयासों के पीछे अवश्य ही कोई राजनीतिक दल होगा। आप आपस में लड़कर ये काम करवाते हैं।'

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